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न्यूज क्लिपिंग्स् | सरकार ने मारे बेरोजगारों के 10 करोड़ रुपए- शोभित श्रीवास्तव

सरकार ने मारे बेरोजगारों के 10 करोड़ रुपए- शोभित श्रीवास्तव

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published Published on Jan 20, 2014   modified Modified on Jan 20, 2014
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग बेरोजगार युवाओं का 10 करोड़ रुपये दबाए बैठा है। यह पैसा भर्तियों के लिए मांगे गए आवेदन के साथ जमा हुआ था।

विभाग में सुपरवाइजर व कनिष्ठ सहायक पद की तीन बार विज्ञप्तियां निकली लेकिन भर्तियां आज तक नहीं हो सकीं। इस रवैये से युवा भी अब खुद को ठगा सा महसूस करने लगे हैं।

विभाग ने सुपरवाइजरों के 2132 पदों के लिए सबसे पहले 2006 में विज्ञापन निकाला था। इसके बाद 2011 में फिर विज्ञापन निकाला गया। इनमें 4,91,572 युवाओं ने आवेदन किया।

आवेदन के साथ सरकार ने सामान्य वर्ग से 200 व एससी-एसटी वर्ग से 100 रुपये का शुल्क भी मांगा था। प्रकार कनिष्ठ सहायक पद के लिए भी 2006 व 2011 में दो बार विज्ञापन निकला।

969 पदों के लिए इसमें भी 2,75,410 युवाओं ने आवेदन किया इन पदों के लिए एक बार अधीनस्थ चयन सेवा आयोग ने भी विज्ञापन निकाला था लेकिन वह भी भर्तियां नहीं कर सका। बाद में यह आयोग ही भंग हो गया।

विभाग द्वारा निकाले गए विज्ञापनों में ही करीब पौने आठ लाख युवा आवेदन कर चुके हैं। इन सभी का करीब 10 करोड़ रुपया आज भी सरकार के खाते में जमा है। लेकिन भर्तियां आज तक नहीं हो सकीं हैं।

शासन में लंबित है मामला
भर्तियों का यह मामला शासन में लंबित पड़ा है। दरअसल, जब सुपरवाइजर पद का विज्ञापन जारी हुआ था तब विभाग ने 50 प्रतिशत पदोन्नति व 50 फीसदी पद सीधी भर्ती के हिसाब से भरने की बात कही थी।

इसी के अनुसार आवेदन पत्र भी आ गए। लेकिन बाद में सरकार ने सुपरवाइजर के 75 प्रतिशत पद पदोन्नति से व 25 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरने की घोषणा कर दी।

यानी कुल पदों में 75 प्रतिशत पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति की बात कही गई। लेकिन इसके लिए नियमावली में बदलाव किया जाना था जो आज तक नहीं हो सका है।

इसके लिए नियमावली कैबिनेट तक जाएगी। सरकार की इस घोषणा से सीधी भर्ती के पद भी कम होने थे। चूंकि एक तरफ विज्ञापन जारी हो गया था तो दूसरी ओर सरकार की घोषणा थी।

विभाग के अधिकारी धर्मसंकट में फंस गए। बाद में यह मामला सरकार के पास भेज दिया गया। जबकि कनिष्ठ सहायक के मामले में कोई पेंच नहीं था लेकिन उसकी भी भर्तियां नहीं हो सकीं।

अधिकारी भी चाहते हैं बचना
भर्तियों के मामले में अधिकारी भी बचना चाहते हैं। दरअसल, भर्तियां जैसे ही शुरू होंगी अफसरों पर अपने-अपने लोगों को ‘एडजस्ट’ करने के लिए राजनैतिक दबाव आने लगेंगे।

इसलिए विभाग के ईमानदार अधिकारी खुद भर्तियां करने से बचने लगते हैं। भर्तियां खुद करने के बजाय अधिकारी इसे किसी दूसरी एजेंसी से करवाने के पक्ष में रहते हैं। यही कारण है कि अधिकारी भी भर्ती प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाले हुए हैं।

पद का नाम-पदों की संख्या-प्राप्त आवेदन पत्र

सुपरवाइजर-2132-4,91,572
कनिष्ठ सहायक-969-2,75,410

http://www.lucknow.amarujala.com/news/city-news-lkw/govt-snatch-10-crore-from-unemployed/


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