Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | सर्वे : पटना में हर सौ में एक भिखारी ग्रेजुएट

सर्वे : पटना में हर सौ में एक भिखारी ग्रेजुएट

Share this article Share this article
published Published on Jan 6, 2014   modified Modified on Jan 6, 2014
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित नव जागृति केंद्र के सेवा कुटीर में फिलहाल 19 भीख मांगने वालों को पनाह दी गयी हैं. इनमें से अधिकतर या तो सरकारी व्यवस्था की बेरहमी की मार से बेहाल हैं या हादसों के शिकार. खुशी की बात है कि आखिरकार सरकार ने ही उनकी सुध ली और उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में लगी है.

पटना : श्रीकांत मिश्र हाइस्कूल के प्रधानाध्यापक थे. रोज सैकड़ों बच्चों को पढ़ाते थे. वेतन भी ठीक-ठाक था. घर-गृहस्थी अच्छी तरीके से चल रही थी. सेवाकाल पूरा होने पर रिटायर हो गये. लेकिन, पेंशन नहीं मिली. उन्होंने शिक्षा विभाग का कई बार चक्कर लगाया. लेकिन, फुटी कौड़ी भी मिली. थक-हार कर उन्होंने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गुहार लगायी, फिर भी पेंशन शुरू नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने मानसिक संतुलन खो दिया और भीख मांगने लगे. सड़क पर बदहवास हालत में वह समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी को मिले. कर्मचारी ने उन्हें ‘अपना घर’ तक पहुंचाया. फिर उनका इलाज हुआ.

काउंसेलिंग की गयी, तो पता चला कि वह अरवल जिले के किंजर थाने के पियरपुरा गांव के निवासी हैं. एक महीने तक इलाज के बाद समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित नव जागृति केंद्र में उन्हें पहुंचा दिया गया. अब वह खुश हैं. सब कुछ ठीक होने के बाद उन्हें घर की याद आयी. उन्होंने निजी स्कूल में अपने शिक्षक पुत्र की जानकारी दी. मिश्र जी कहते हैं, पेंशन मिलेगी, तो घर लौट जायेंगे.

यही हाल उत्तरप्रदेश के चंदौली निवासी डॉ अशोक कुमार सकलीचा का है. बुरे हाल में पटना सिटी के कंगन घाट पर बेहोशी की हालत में मिले. लोगों ने इनके बारे में बताया कि कई दिनों से भीख मांग कर जी रहे थे. समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी ने पीएमसीएच में उनका इलाज कराया और फिर नव जागृति केंद्र में पनाह दी.

पता चला कि एक ट्रक दुर्घटना में उनके परिवार के सभी सदस्य मारे गये. मानसिक संतुलन बिगड़ गया. पता नहीं कैसे पटना पहुंच गये. बातचीत से पता चलता है कि वह डॉक्टर हैं. उन्होंने बताया, एलोपैथ का डॉक्टर हूं. बातचीत में दवा, इलाज आदि के बारे में विस्तार से लोगों को बताते हैं. कहते हैं, मरना ही बेहतर समझता हूं.

भोला सहनी सारण जिले के शीतलपुर के पटटीपुल के निवासी हैं. इलाके में चर्चित राजमिस्त्री थे.

इंदिरा आवास के लिए वह मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आये थे. लौटने के दौरान हादसे में पैर टूट गया. फिर घर नहीं पहुंच सके. भीख मांगते मिले. पनाह मिलने के बाद अब वह पूरी तरह नॉरमल हो चुके हैं. अब घर के लोग उन्हें वापस ले जाना चाहते हैं. उन्हें वृद्धावस्था पेंशन भी मिल रही है.

नव जागृति केंद्र के सचिव जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस सेवा कुटीर में 16 ऐसे भीखमंगों को रखा जा रहा है. इनमें अधिकतर का कभी अपना बेहतर जीवन था. समय ने पलटी मारी और ये सब सड़क पर बेहाल मिले. फिलहाल इन्हें कोई दिक्कत नहीं है. सुबह के सात बजे इनकी दिनचर्या गांधी जी की रघुपति राघव राजा राम प्रार्थना से शुरू होती है.

चाय-बिस्कुट, रोटी-सब्जी का नाश्ता, दिन में चावल, रोटी, दाल, सब्जी, भुंजिया, पापड़ व सलाद और फिर रात में इसी तरह के भोजन और टीवी देखने के साथ दिनचर्या पूरी होती है. सातों दिनों अलग-अलग तरह के भोजन की व्यवस्था है. सप्ताह में एक दिन डॉक्टर इनकी स्वास्थ्य जांच करते हैं. प्रति दिन नॉनवेज व वेजवालों के लिए खीर की व्यवस्था है. इस केंद्र में 50 ऐसे भीखमंगों की रखने की व्यवस्था कल्याण विभाग ने की है.

हर सौ में एक भिखारी बीए पास

पटना : राज्य में भीख मांगनेवालों के सर्वेक्षण से कई चौंकानेवाले तथ्य मिले हैं. समाज कल्याण विभाग के सर्वे में पटना व गया जिलों के भिखारियों को शामिल किया गया है. इसमें पता चला है कि भिखारियों में ऊंची जाति के स्नातक डिग्रीधारी भी शामिल हैं. हालांकि, इनमें ज्यादा संख्या महादलितों  की है.

पटना में 2206 की पहचान भिखारियों के रूप में हुई. इनमें 1100 भिखारियों के आधार पर जो डाटा तैयार किया गया, उसमें स्नातक एक प्रतिशत, इंटरमीडिएट तीन से चार प्रतिशत और बड़ी संख्या में साक्षर शामिल थे.

सामान्य जाति के पांच प्रतिशत, अल्पसंख्यक 10 प्रतिशत, पिछड़ी जाति के 30 से 35 प्रतिशत और महादलित समुदाय से 40 से 50 प्रतिशत भिखारी पहचान में आये. पटना में भी अधिकतर भिखारी कुष्ठ सहित कई बीमारी व नशे के आदी पाये गये.

सर्वे के अनुसार, गया जिले में भिखारियों की संख्या 2356 है. इनमें सामान्य जाति के 80, पिछड़ी जाति के 235, दलित 367 व महादलित 1674 हैं. इनमें 95 प्रतिशत हिंदू और अल्पसंख्यक समुदाय के पांच प्रतिशत पाये गये. भीख मांगनेवालों में 64 प्रतिशत महिला व 36 प्रतिशत पुरुष थे.

गया में 105 साक्षर भिखारी, 2233 निरक्षर, मैट्रिक पास दो और फेल 16 थे. स्वास्थ्य के आधार पर 92 प्रतिशत कुष्ठ रोगी, एक प्रतिशत की दिमागी हालत खराब, पांच प्रतिशत स्वस्थ और लगभग एक प्रतिशत नशा के आदी पाये गये. भिखारियों में तीन प्रतिशत की आमदनी 26 से 50 रुपये, 64 प्रतिशत की पांच से 25 रुपये और दो प्रतिशत की 101 से 500 रुपये रोजाना थी.

समाज कल्याण विभाग के उप कार्यपालक पदाधिकारी महुआ राय चौधरी ने कहा कि भिक्षावृत्ति को खत्म करने के लिए प्रयास किया जा रहा है. लाचार व बुजुर्ग भिखारियों के लिए आवास व इलाज का इंतजाम किया जा रहा है.

http://www.prabhatkhabar.com/news/77767-Bihar-Patna-beggars-graduate-restraints.html


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close