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न्यूज क्लिपिंग्स् | सिर्फ जन लोकपाल से संपूर्ण हल नहीं:रामदेव

सिर्फ जन लोकपाल से संपूर्ण हल नहीं:रामदेव

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published Published on Aug 24, 2011   modified Modified on Aug 24, 2011

हरिद्वार, जागरण संवाददाता: योगगुरु बाबा रामदेव का कहना है कि सिर्फ लोकपाल या जनलोकपाल से देश को नहीं बचाया जा सकता। देश को खोखला कर रही समस्याओं से निजात पाने के लिए उन्होंने सात सूत्रीय एजेण्डा भी पेश किया। जिसे नाम दिया गया 'व्यवस्था परिवर्तन व संपूर्णक्रान्ति। बाबा ने प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव की पुरजोर पैरवी करते हुए उन्हें देश की जनता के प्रति जवाबदेह बनाने पर जोर दिया।

मंगलवार को पतंजलि योगपीठ फेज-दो में योग प्रशिक्षकों के शिविर में बाबा रामदेव के सुर बदले नजर आए। हालांकि, बाबा ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन जोर देकर कहा कि लोकपाल या फिर जन लोकपाल से ही देश की सभी समस्याओं का हल नहीं निकलने वाला। इनके माध्यम से एक हद तक ही भ्रष्टाचार को काबू में लाया जा सकता है, पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता।

बाबा रामदेव ने अपने नए एजेंडे के सात सूत्रों- गांवों को न्याय दिलाना, नई अर्थक्रान्ति, समान शिक्षा व्यवस्था, समान चिकित्सा व्यवस्था, चुनाव सुधार, राष्ट्रीय प्रबंधन नीति, काले कानून खत्म करवाना का जिक्र किया, साथ ही कहा कि इसका पालन करने से न सिर्फ सभी समस्याएं दूर हो जायेंगी, बल्कि लोकपाल या जनलोकपाल की जरूरत नहीं रहेगी।

योगगुरू ने कहा कि भ्रष्टाचार पनपने का एक मात्र कारण देश में लागू कई तरह की कर प्रणाली है। नई अर्थक्रान्ति के तहत देश में लागू सभी तरह के टैक्स को समाप्त कर उनकी जगह दो प्रतिशत ट्रांजिक्शन टैक्स लागू किया जाना चाहिए। ट्रांजिक्शन टैक्स से न सिर्फ भ्रष्टाचार, गरीबी, कालाधन और मंहगाई समाप्त होगी, बल्कि विकास के लिए बड़ी मात्रा में धन की भी प्राप्त होगा। विदेशों में रह रहे भारतीय को अपनी गाढ़ी कमाई को देश में लाने की आसानी हो जायेगी। इसका सीधा लाभ जनता को मिलेगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल बिल के समर्थन में चल रहे आंदोलन की सफलता का श्रेय भारत स्वाभिमान के कार्यताओं को देते हुए कहा कि अगर 4 जून को उनके कार्यकर्ताओं ने लाठियां खाने के बाद पूरे देश में विरोध न किया होता तो केंद्र सरकार इस आंदोलन को उसी तरह कुचल चुकी होती।

बाबा ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री को किसी राजनीतिक दल के प्रति नहीं, अपितु जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। ऐसा तभी हो सकेगा जब उसका चुनाव सीधे जनता द्वारा किया जाये। इसके लिए उन्होंने स्टेट फैडिंग इलेक्शन, अनिवार्य मतदान और एक साथ मतदान कराने की बात कही।

बाबा के समस्या सुधार सात सूत्र

1-गांवों को न्याय दिलाना

2-नई अर्थक्रान्ति

3-समान शिक्षा व्यवस्था

4-समान चिकित्सा व्यवस्था

5-चुनाव सुधार

6-राष्ट्रीय प्रबंधन नीति

7-काले कानून खत्म करवाना


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6331003.html


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