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न्यूज क्लिपिंग्स् | सोना कर रहा नदियों को प्रदूषित

सोना कर रहा नदियों को प्रदूषित

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published Published on Aug 23, 2011   modified Modified on Aug 23, 2011

दुनिया भर में हर साल 70 फ़ीसदी सोने से गहना बनाया जाता है, लेकिन सोने का गहना पहनने की कीमत बहुत अधिक है. एक अंगूठी का मतलब है, 20 टन जहरीला कचरा.

जो जीवन के बंधन पर सोने की अंगूठियों की मुहर लगाता है, जाने-अनजाने कंधे पर एक भारी बोझ भी डालता है. सिर्फ़ एक अंगूठी को बनाने में जो कचरा निकलता है, उसे साफ़ करने के लिए कई ट्रक लगते हैं. जबकि सोने को तौलने के लिए मामूली छोटा तराजू ही काफ़ी है. खानों से निकलने वाला खनिज जब पर्याप्त अयस्क देना बंद कर देता है तो एक जहरीली जगह बन जाती है, जहां की धरती और पानी इस्तेमाल के लायक नहीं रहती.

बॉन की शांति शोध संस्थान बीआइसीसी की शोधकर्ता मारी म्युलर बताती हैं, ‘सोने को अयस्क से अलग करने के लिए औद्योगिक खनन में बहुत ज्यादा सायनाइड का उपयोग किया जाता है. हर साल दुनिया भर में चट्टान से सोने को अलग करने के लिए 1,82,000 टन पौटेशियम सायनाइड का उपयोग होता है. यह जहरीला रसायन चावल के एक दाने भर के बराबर किसी को मारने के लिए काफ़ी है.’ म्युलर कहती हैं, ‘खनिकों को हालांकि बची हुई जहरीली सामग्री को सुरक्षित रखना होता है और उसकी सफ़ाई करनी होती है, लेकिन अकसर इसे खुले कंटेनरों या खाइयों में फ़ेंक दिया जाता है जहां वह धीरे धीरे सूखता है.

रोमानिया के बाया मार में सायनाइड भरी एक खाई का बांध टूट गया. लाखों टन सायनाइड और भारी धातु मिला पानी बह निकला और तीन सप्ताह तक थाइस और डैन्यूब नदी होकर काले सागर में बहता रहा. इस जहरीले तरल की वजह से रोमानिया ही नहीं, हंगरी और सर्बिया में भी भारी संख्या में जानवरों की मौत हुई.

जर्मन के एक तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर फ्रीडहेल्म कोर्टे ने सोने के उत्पादन पर एक पर्यावरण रिपोर्ट तैयार की है. औसतन सोने की खान में हर साल 2,50,000 टन अयस्क पीसा जाता है. फ़िर उसे डेढ़ हेक्टेयर जमीन पर फ़ैलाया जाता है और उस पर 125 टन सायनाइड का मिश्रण तथा 3,65,000 घनमीटर पानी छिड़का जाता है. हर टन अयस्क पर 3 ग्राम सोना निकलता है. खान का औसत उत्पादन 750 किलो सोना है.

लेकिन बहुत सी जगहों पर प्रति टन सिर्फ़ 1 ग्राम सोना निकलता है. पर कचरा उतना ही निकलता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर धातु के लिए उसके सोत का सबूत देने की आम जिम्मेदारी तय की जा सकती है. यूरोपीय संघ में ऐसी ही प्रक्रिया लागू करने पर विचार हो रहा है. वैज्ञानिक धातुओं के लिए फ़ुटप्रिंट व्यवस्था तैयार कर रहे हैं. जर्मन रिसर्चर इस क्षेत्र में अगुआ हैं. सोने के लिए पर्यावरण सम्मत होने का सर्टिफ़िकेट लागू करना भी संभव है.

सर्टिफ़ाइड पुराना सोना एक और संभावना है क्योंकि सोने के विश्वव्यापी उत्पादन का 70 फ़ीसदी हिस्सा गहने बनाने के काम आता है. नया सोना निकालने के बदले रिसाइक्िलंग वाले सोने के उपयोग से शादी की हर अंगूठी पर 20 टन कम जहरीला कचरा पैदा होगा.


http://www.prabhatkhabar.com/node/47423


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