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न्यूज क्लिपिंग्स् | हमें रोजमर्रा की जिंदगी के लिए मौसम पूर्वानुमान को मुख्यधारा में लाना चाहिए: आईएमडी प्रमुख

हमें रोजमर्रा की जिंदगी के लिए मौसम पूर्वानुमान को मुख्यधारा में लाना चाहिए: आईएमडी प्रमुख

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published Published on Jan 24, 2024   modified Modified on Jan 24, 2024

इंडियास्पेंड, 24 जनवरी

वर्ष 2023 प‍िछले 100,000 की अपेक्षा सबसे गर्म वर्ष रहा। पृथ्‍वी के लगभग सभी महाद्वीप पर गर्मी के रिकॉर्ड टूट गए। सेंटर फॉर साइंस के एक र‍िपोर्ट के अनुसार भारत ने 2023 के पहले नौ महीनों में 273 से 235 दिन (86% से थोड़ा अधिक) में अत‍िव‍िषम मौसम रहा। गर्मी और ठंडी लहरों, चक्रवात और बिजली से लेकर भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन तक, पर्यावरण के साथ हर क‍िसी को प्रभावित क‍िया। एक अनुमान के मुताबिक इन घटनाओं में 2,923 लोग और 92,000 से अधिक जानवर मारे गए। 1.84 मिलियन हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई और 80,000 घर नष्ट हो गए।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा की स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी जो 15 जनवरी को अपने 150वें वर्ष में प्रवेश कर गया। ज‍िस साल यह मुकाम हासिल हुआ, उस साल भी देश मौसम संबंधी बदलावों से गुजर रहा। भारत में अब तक कमजोर सर्दी का अनुभव हो रहा है और कुल मिलाकर मौसम में बड़े बदलाव हो रहे हैं। ये बदलाव साल दर साल हो रहे। उदाहरण के लिए, 2013-2022 तक भारत के औसतन 29% भूमि क्षेत्र में प्रति वर्ष तीन महीने तक अत्यधिक सूखा पड़ा। प्रति वर्ष कम से कम एक महीने अत्यधिक सूखे का सामना करने वाली भूमि की मात्रा 1951-1960 से 2013-2022 तक 138% बढ़ गई है। लू, अत्यधिक वर्षा, बाढ़, सूखा, भूस्खलन, चक्रवात और अन्य मौसम की घटनाओं की तीव्रता और आवृत्ति हर साल बदल रही है।

इंडियास्पेंड


भारत मौसम विभाग के महानिदेशक का साक्षात्कार पढ़िए- इंडियास्पेंड, 24 जनवरी https://indiaspendhindi.com/indiaspend-interviews/we-must-mainstream-weather-forecasting-into-everyday-life-imd-chief-890848
 

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