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पंचायतीराज | जलसंवर्धन से बदलती जिला पंचायत इंदौर की तस्वीर

जलसंवर्धन से बदलती जिला पंचायत इंदौर की तस्वीर

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published Published on Sep 22, 2020   modified Modified on Sep 22, 2020

-इंडिया वाटर पोर्टल,

बारिश की रजत बूँदों को थामने और उन्हें धरती की रगों तक पहुँचाने के लिए जिला पंचायत इंदौर ने शानदार काम किया है। अहम बात यह है कि यह काम लॉकडाउन के उस दौर में कराया गया जब स्थानीय मज़दूरों के सामने रोजी-रोटी का सकंट खड़ा हो गया था। लॉकडाउन के वक़्त में बड़ी तादात में मज़दूर परिवारों को न गाँव में कोई रोज़गार था और न ही शहर जाकर कमाई का कोई रास्ता बचा था। मज़दूरों की इस पीड़ा को देखते हुए पंचायतों के ज़रिए मनरेगा में जल संरचनाएं तैयार करने का बड़ा मानीखेज बीड़ा उठाया गया। मनरेगा में मजदूरों को अपने ही गाँव में रोज़गार भी मिला और देखते ही देखते कई जल संरचनाएँ भी तैयार हो गई। वीओ बाइट- मज़दूर की बाइट वीओ- इस मज़दूर की तरह जिले के हज़ारों मजदूरों के चेहरों पर चिंता की लकीरों की जगह मुस्कान बिखर गई।

सरकार की इस संवेदनशीलता ने ग़रीब बेसहारा मज़दूरों के लिए किसी संजीवनी की तरह काम किया है। यही नहीं इनसे इलाके में कई तालाब और चेक डेम भी तैयार हुए हैं। ये बारिश का पानी सहेजकर अब लबालब हैं। पानीदार इलाका हर-भरा होकर खुशियों से झूम उठा है। हरियाले खेतों में फसलें मुस्कुरा रही हैं। हर साल ये खेत अब सोना उगलेंगे। वीओ बाइट- किसान वीओ- नदी और नालों में बहते हुए बारिश के पानी को चेक डेम के ज़रिए थाम लिया है। तालाबों के ज़रिए भूगर्भ तक पानी पंहुचाया जा रहा है। इससे इलाके का भूजल स्तर सुधरेगा।

आने वाले सालों में इन कामों के आशान्वित नतीजों से इलाके के लोग खासे उत्साहित हैं। वीओ बाइट- सरपंच प्रतिनिधि ग्राफिक्स- इंदौर जिले में जलसंवर्धन और संरक्षण के लिए बीते दो सालों में जबर्दस्त काम किया गया। किए गए कामों को इन आँकडों के ज़रिए समझा जा सकता है। चार विकासखंडों में कुल तालाब- 21 चेक डेम- 168 कुल खर्च- 10 करोड 18 लाख कुल मज़दूर- 7146 मानव दिवस- 2 लाख 14 हज़ार 400 कुल मज़दूरी पर खर्च- 4 करोड 7 लाख लाभांवित होने वाले किसान- एक हजार 31 सिंचाई से लाभांवित होने वाली कृषि भूमि- 514 हैक्टेयर वीओ- यही नहीं इंदौर में बरसों से बेकार पड़े स्टॉप डेम को भी न सिर्फ ज़िंदा किया गया है बल्कि नवाचार भी किए गए हैं। सलमपुर के इस स्टॉप डेम में लोहे के महँगे दरवाजों की जगह वेस्टेज से बने प्लास्टिक गेट तैयार किए गए हैं।

पूरी विजयगाथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


ध्रुव मिश्रा, https://hindi.indiawaterportal.org/content/jalasanvardhan-sey-badalti-jila-panchayat-indore-key-tasveer/content-type-page/1319335954


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