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स्विस बैंकों के प्रति भारतीय रुख- हरिवंश(प्रभात खबर)

आज अगर विदेशों में रखे भारतीय धन पर कोई बात हो रही है, तो इसका श्रेय पूरी तरह अन्ना और बाबा रामदेव के आंदोलनों को ही है. दो वर्ष पहले जर्मनी के एक द्वीप में भारत के धन रखे जाने की खबर जर्मन सरकार ने भारत सरकार को दी, पर खूब हो-हल्ला के बाद भी कुछ नहीं हुआ. देश का धन अगर बाहर रहता है और देश के लोग गरीबी...

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अन्ना हजारे से मिली अरुणा राय

नई दिल्ली। लोकपाल विधेयक पर अन्ना हजारे के आदोलन की आलोचना करने वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] सदस्य अरुणा राय ने बुधवार को हजारे से मुलाकात की। अरुणा और उनके सहयोगियों ने आज सुबह रामलीला मैदान में हजारे से मुलाकात की। हजारे के दल और सरकार के बीच कल लोकपाल विधेयक पर उपजे गतिरोध को खत्म करने के लिए बातचीत शुरू हो गई है। अरुणा ने कहा कि...

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शहला मसूद हत्या मामले में मिले अहम सुराग

भोपाल। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की समर्थक एवं आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की गत 16 अगस्त को उनके घर के सामने हुई कथित हत्या का कोई महत्वपूर्ण सुराग मिलने का दावा भोपाल पुलिस ने किया है। पुलिस महानिरीक्षक [आईजी] विजय यादव ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की है कि इस मामले से जुड़ा एक अहम गवाह जाच दल को मिला है। उन्होने कहा कि अब तक की जाच...

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सुनो, मध्य वर्ग की आहट -शशि भूषण

अन्ना हजारे, सिविल सोसाइटी, सरकार और सर्वोपरि संसद समाजशास्त्री व अर्थशास्त्री जो लोग इन बड़े समाचारों के बीच उनके भीतरी आशय जानना चाहते हैं, उनके के लिए ये सब बहस के मुद्दे हो सकते हैं, किंतु आम लोग, लोकपाल या जन लोकपाल में कुछ फर्क भी है, यह जानने की जरूरत नहीं समझते. उन्हें बस इतना पता चल गया है कि एक पर एक मंत्री एक से आला भ्रष्टाचार के नये कीर्तिमान...

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जनता से ऊपर कोई संस्था नहीं - सुभाष कश्यप

न तो संसद और न ही न्यायपालिका सर्वोपरि है. जो लोग यह दलील दे रहे हैं कि संसद सवरेपरि है, वे गलतबयानी कर रहे हैं. हमारे संविधान में स्पष्ट कहा गया है कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और इसकी जनता सर्वप्रधान है. इसके बाद ही किसी का स्थान आता है. एक लंबी लड़ाई के बाद देश अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ. संप्रभु राष्ट्र का दर्जा हासिल करने के बाद देश...

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