अरविंद केजरीवाल से बातचीत का यह अंश तहलका(हिन्दी) से साभार लिया जा रहा है। अरब दुनिया में आई क्रांति की लहर की तरह शुरू हुआ अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अब एक अलग दिशा में जाता दिख रहा है. यह दिशा बिखराव और साख में गिरावट की है. गिरावट कई मोर्चों पर देखने को मिल रही है. पहला मोर्चा तो एकजुटता का ही है. कश्मीर पर प्रशांत भूषण के बयान के बाद...
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चुनाव आयोग राईट टू रिकॉल के पक्ष में नहीं
नई दिल्ली। जनप्रतिनिधियों को 'वापस बुलाने [राईट टू रिकॉल]' के अधिकार संबंधी टीम अन्ना की मांग से चुनाव आयोग सहमत नहीं है। आयोग का मानना है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार मतदाताओं को मिल जाने से अस्थिरता आएगी। आयोग की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। टीम अन्ना के साथ बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी सहित अन्य आयुक्तों ने आयोग की...
More »प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी
अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...
More »अन्ना हजारे के अभियान का उद्देशय पूरा हुआ: प्रधानमंत्री
इस बात पर जोर देते हुए कि अन्ना हजारे के आंदोलन का उददेश्य पूरा हो गया है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार एक प्रभावी लोकपाल लाने की दिशा में काम कर रही है, जो लोगों के लिए इस आश्वासन की तरह होगा कि भ्रष्टाचार जीवन का हिस्सा नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार सुशासन और विकास को ठेस पहुंचा रहा है और उनकी सरकार व्यवस्था में...
More »जनमुहिम और जमीनी राजनीति : मृणाल पाण्डे
क्रांतिकारी बदलाव का सूत्रपात कौन करता है, नेता या आंदोलन? यह सवाल कुछ वैसा ही है, जैसे कि यह पूछना कि पहले मुर्गी आई या अंडा? फिर भी महाभारत से उपग्रह संचारित मीडिया के जमाने तक यह यक्ष प्रश्न पूछा जाता रहा है। युधिष्ठिर ने तो यक्ष को यह कहकर कि नेता ही अपने समय को गढ़ता है (राजा कालस्य कारणं) छुट्टी पा ली थी, लेकिन एकछत्र राजाओं का जमाना अब नहीं रहा।...
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