प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावोस में विश्व के निवेशकों को बताया था कि भारत में व्यापार करना अब आसान हो गया है। उन्होंने इस बात के प्रमाण में विश्व बैंक द्वारा ‘व्यापार करने की सुगमता' अथवा ‘इज ऑफ़ डूइंग बिजिनेस' रपट का उल्लेख किया था। लेकिन व्यापार करना आसान होने के बावजूद देश में विदेशी निवेश की मात्रा बढ़ने के स्थान पर घट रही है। अप्रैल से दिसंबर, 2016 की...
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बैंकिंग घोटाला : 121 अरब रुपए के फ्रॉड, वसूली हुई 7.5 अरब
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की सांठगांठ ने देश के बैंकिंग सेक्टर को कितना बड़ा झटका दिया है, इसे समझने के लिए आप बस एक आंकड़े पर ध्यान दीजिए। अभी तक आधिकारिक तौर पर जो बताया गया है कि उसके मुताबिक इन दो लोगों ने पीएनबी को 12,700 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में देश के सारे बैंकों...
More »वित्त मंत्रालय का बैंकों को आदेश- 50 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लेने वालों के पासपोर्ट का लें पूरा ब्योरा
पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी के सामने आने के बाद सरकार बैंकों का लेकर देश से बाहर भागने के मामलों की रोकथाम के लिए कर्ज के नियमों को सख्त कर रही है। वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को45 दिनों के भीतर ऐसे उन सभी कर्जदारों का पासपोर्ट का ब्योरा लेने को कहा है जिन्होंने50 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज ले रखा है। इस पहल का मकसद धोखाधड़ी करने...
More »लाइलाज हो चुकी है एनपीए की बीमारी-- आदर्श तिवारी
बैंकों की तेजी से बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) आज एक ऐसी लाइलाज बीमारी बन चुकी हैं जिसका इलाज विशेषज्ञों को भी नहीं सूझ रहा है। इसलिए ऐसे में सवाल उठता है कि एनपीए के इस अंधकार से रोशनी कब और कैसे मिलेगी? दरअसल, बैंकों की बुनियाद को कमजोर करने में बढ़ता एनपीए एक बड़ा कारक है। बैंकों के बढ़ते एनपीए को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक भी चिंता जाहिर...
More »भरोसा बरकरार रखने की चुनौती - प्रदीप सिंह
पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले ने सरकारी बैंकों, बैंकों का ऑडिट करने वाली संस्थाओं और बैंकों के कामकाज पर निगरानी रखने वाले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की क्षमता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इससे यह भी साबित हुआ है कि सरकारी बैंकों में नियुक्त होने वाले निदेशक और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि सहित सब या तो गाफिल थे या शरीके जुर्म। वजह कुछ भी हो, वास्तविकता यही है कि...
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