aयूपी की 956 फैक्ट्रियां अपना औद्योगिक कचरा सीधे गंगा में छोड़ रही हैं जिससे नदी का जल प्रदूषित हो रहा है। यह हकीकत यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की जांच में सामने आई। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद यूपीपीसीबी ने इन फैक्ट्रियों को नोटिस भेजकर ट्रिब्यूनल में पेश होने को कहा है। एनजीटी ने केंद्रीय व यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन...
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छोटे उद्योगों को लगेंगे पंख, मिलेगा विकास का बेहतर अवसर
पंकज भारती, इंदौर। मध्य प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को विकास के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंडिया एसएमई फोरम देश के चुनिंदा शहरों के बाद अब इंदौर में अपना चैप्टर शुरू करेगा। प्रदेश में 4.6 लाख से अधिक उद्यमी एसएमई कैटेगरी में कार्यरत हैं। इंदौर के आसपास स्थित औद्योगिक क्षेत्रों-जैसे सांवेर रोड, पोलोग्राउंड, उद्योगनगर, राऊ औद्योगिक क्षेत्र, लक्ष्मीबाई नगर औद्योगिक क्षेत्र आदि में लघु एवं मध्यम...
More »एक्सपोर्ट में ग्रोथ से कम हो रही नौकरियां : रिपोर्ट
मई में श्रमिक प्रधान और पारंपरिक क्षेत्रों के बदौलत निर्यात क्षेत्र में जबरदस्त ग्रोथ हुई है। लेकिन क्रिसिल की मानें तो निर्यात क्षेत्र में नौकरियां कम हो रही हैं। क्रिसिल के मुताबिक, इंडिया के एक्सपोर्ट में डोमेस्टिक वैल्यू एडेड (डीवीए) कंटेंट और एम्पलॉयमेंट इंटेसिटी में गिरावट देखी गई है। क्रिसिल की राय क्रिसिल ने निर्यात बाजार में जॉब पैटर्न को समझने के लिए ओईसीडी वैल्यू एड डाटा बेस की मदद ली है...
More »सावधान ! शहर में खतरनाक रसायनों में पकाए जा रहे हैं फल
जयपुर। कम समय में ज्यादा मुनाफे के फेर में फलों को केमिकल डालकर पकाया जा रहा है। सस्ते दर पर खरीदे कच्चे फलों को 12 से 24 घंटे में कृत्रिम रूप से पकाया जा रहा है। इनमें न तो स्वाद है और न ये सेहत के लिए फायदेमंद हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे फल खाने से लंग्स, किडनी, लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। फलों को पकाने का यह...
More »कहानी कुछ जैविक ग्रामों की- अमृतांज इंदीवर
अंधाधुंध पेस्टीसाइड्स व फर्टिलाइजर के उपयोग से मिट्टी, पानी व हवा ऊसर होते जा रही है। जहां किसान पहले खेतों में नाइट्रोजन की मात्रा 3-5 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से देते थे, वहीं आज 10-20 किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से दिया जा रहा है। इसकी वजह से धरती पर ग्रीन हाउस बन रहा है और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे बढ़ रहे हैं। यह परिस्थितिकीय चक्र को प्रभावित कर रहा है। परिणामस्वरूप खेत बंजर हो रहे हैं,...
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