जनसत्ता 11 दिसंबर, 2012: लंबे समय से देश के किसी भी गहरे सवाल पर, कोई भी सार्थक बहस करने में असमर्थ लोकसभा-राज्यसभा के सदस्यों के बीच दो दिन की भाषणबाजी के बाद यह फैसला हो गया कि भारत का खुदरा बाजार विदेशी पूंजी और विदेशी माल के लिए खोल दिया जाएगा। अरविंद केजरीवाल पूछते हैं कि भाई, जो खुदरा बाजार में अपना माल लेकर बैठता है और जो खरामां-खरामां उससे खरीदारी करने...
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गुजरात के विकास का सच
जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...
More »खुदरा कारोबार के मिथक- सुभाष गताडे
जनसत्ता 4 अक्टुबर, 2012: भारत सरकार का दावा है कि खुदरा कारोबार में विदेशी पूंजीनिवेश की राह खोलने से छह सौ अरब डॉलर तक पूंजी यहां पहुंचेगी। दूसरी तरफ के आलोचक इस तरह का अनुमान पेश कर रहे हैं कि वालमार्ट और उस जैसीकंपनियों के आने से कितने लाख लोग बेरोजगार होंगे, आदि। लगता है दोनों पक्षों की तरफ से छवि की लड़ाई चल रही है। कुल खुदरा कारोबार में आज...
More »बजट स्पेशल- बजट में एजुकेशन को उम्मीद से कम मिला
नई दिल्ली. 2012-13 के बजट में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए आवंटन को भले ही बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन इसके बावजूद शिक्षा के क्षेत्र के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। बजट 2012-13 में छात्रों को लोन के लिए क्रेडिट गारंटी फंड का प्रावधान है। मिड डे मील के लिए 11937 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जबकि गांवों में छह हजार स्कूल खोलने की योजना है।...
More »रामबाण नहीं है नदी जोड़ योजना- अभिनव श्रीवास्तव
जनसत्ता 16 मार्च, 2012: उच्चतम न्यायालय द्वारा सरकार को नदियों के एकीकरण की योजना पर चरणबद्ध तरीके से अमल करने का निर्देश देने के बाद परिणामप्रिय विश्लेषक इस योजना से होने वाले लाभों को गिनवाने में लग गए हैं। नदियों के एकीकरण के इस प्रस्ताव पर उस तबके के बीच खासा उत्साह का माहौल है जो इसके जरिए अपने हितों को साधने और अपने आर्थिक विस्तार की संभावनाएं तलाश रहा है।...
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