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लॉकडाउन : मिलों में प्रोसेसिंग बंद होने से दालों के साथ पशुचारे के दाम बढ़े

-आउटलुक, देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन के कारण दाल मिलों में प्रोसेसिंग भी नाममात्र की ही हो रही है, जिस कारण दालों की कीमतों में कीमतों में तेजी आई ही है, साथ पशुचारा छिल्का, खांडा और चोकर के दाम भी 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गए हैं। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार इलाहाबाद में सोमवार को उड़द दाल के खुदरा दाम 120 रुपये, मूंग दाल के 100 रुपये,...

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कोरोना का असर: पैनिक खरीदारी से आवश्यक वस्तुओं के बढ़े दाम

-आउटलुक, कोरोना वायरस के कारण खाने-पीने की चीजों की पैनिक खरीदारी होने लगी है, जिस कारण दालें, खाद्य तेल, आटा, आलू, प्याज आदि की कीमतों में तेजी आई है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार खुदरा बाजार में आलू के दाम बढ़कर शनिवार को 30 रुपये और प्याज के 40 रुपये प्रति किलो हो गए, जबकि 17 मार्च को इनके भाव क्रमश: 25 और 30 रुपये प्रति किलो थे। इस दौरान आटा...

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बैंक का भट्ठा ऐसे बैठाया

-इंडिया टूडे, अशोक कपूर और हरकीरत सिंह ने जब नई पीढ़ी के यस बैंक का ब्लूप्रिंट तैयार किया, तब राणा कपूर बैंकिंग लाइसेंस की इस योजना का हिस्सा नहीं थे. दोनों कपूर ग्रिंडलेज बैंक में साथ काम करते थे और एक दूसरे को निजी, पेशेवर और सामाजिक तौर पर जानते थे. कहा जा सकता है कि कपूर अपने साढ़ू (उनकी पत्नियां बहनें हैं) और अपेक्षाकृत युवा राणा को चुपचाप सह-संस्थापक के...

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दालों एवं खाद्य तेलों की कीमतों पर अंकुश की तैयारी, केंद्र की राज्यों को सस्ती दालें बेचने की योजना

खुदरा में दालों के साथ ही खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी रोकने के लिए केंद्र सरकार, राज्य को बाजार भाव से 15 रुपये प्रति किलो सस्ती दर पर दालें बेचेगी, साथ ही मूंगफली दाने के निर्यात पर रोक के साथ ही खुले बाजार में डेढ़ लाख टन मूंगफली बेचने की तैयारी कर रही है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दालों की कीमतों को काबू करने...

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महंगाई वाली मंदी

महंगाई झेलना चाहते हैं या मंदी? अपनी तकलीफ चुन लीजिए. फिलहाल तो दोनों ही बढ़ने वाली हैं. रिजर्व बैंक के अनुसार, अगले तीन माह में जेबतराश महंगाई बढ़ेगी. और इस साल की दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसद इस ढलान का अंतिम छोर नहीं है. अगले छह माह में मंदी गहराएगी. इस साल पांच फीसद की विकास दर भी नामुमकिन है. बचत, खपत और निवेश में कमी से बनी यह मंदी...

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