विगत 8-9 नवंबर की रात कालेधन पर की गयी प्रधानमंत्री की सर्जिकल स्ट्राइक को 15 दिन पूरे हो गये हैं. आधा देश अभी भी लाइन में लगा है और बाकी आधा इस माथा-पच्ची में कि अब आगे क्या होगा? मोदी सरकार के इस दूरगामी और साहसी कदम के संभावित परिणामों पर कयासों का दौर चल रहा है. प्रधानमंत्री खुद रायशुमारी करा रहे हैं. बड़ा प्रश्न है कि क्या अर्थव्यवस्था पटरी...
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सहायता योजनाओं की जानकारी से दूर छोट-मंझोले उद्योग - नई रिपोर्ट
‘मछरी जल बीच मरत पियासी' ! इस उलटबांसी का अर्थ समझना हो तो गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिहाज से महत्वूर्ण माने जाने वाले सूक्ष्म, छोटे और मंझोले उद्यमों की हालत पर गौर कीजिए! हाल की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि छोटे, मंझोले और सूक्ष्म उद्यमों के विकास-विस्तार और सुधार के लिए सरकार ने 200 से ज्यादा सहायता योजनाएं चला रखी हैं लेकिन सूक्ष्म, छोटे, और मंझोले आकार के उद्यम (एमएसएमई) इनका...
More »इस वर्ष तीसरी तिमाही के दौरान स्टार्टअप्स में कम हुआ निवेश
केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से देशभर में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा अनेक उद्यमी अपने-अपने स्तरों पर स्टार्टअप्स को विस्तार देने के लिए विविध स्रोतों से निवेश हासिल कर रहे हैं. हालांकि, स्टार्टअप्स द्वारा मुहैया करायी जानेवाले सेवाओं और प्रोडक्ट की ओर लोगों के रुझान में भी दिनों-दिन वृद्धि होती दिख रही है. लेकिन, ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि स्टार्टअप्स को हासिल होनेवाले...
More »मौन जुलूसों के नीचे धधकती आग-- प्रमोद मीणा
किसी के कंधे पर बंदूक रख कर निशाना लगाना क्या होता है, इसकी जीवंत बानगी मराठा आंदोलन है। लाखों की संख्या में मराठा महाराष्ट्र की सड़कों पर मौन जलूस निकाल रहे हैं। इसका तात्कालिक कारण बताया जा रहा है अहमदनगर जिले में एक चौदह वर्षीय मराठा लड़की का बलात्कार और हत्या। इस मामले में अभी तक पकड़े गए तीनों आरोपी दलित हैं। कू्ररता की शिकार इस बालिका को न्याय दिलाने...
More »महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिखेंगे बैंक
बैंकों के जरिये "राजनीति" करना कोई मोदी सरकार से सीखे। पहले हर घर में एक बैंक खाता और उसके बाद छोटे उद्यमियों को कर्ज देने की स्कीम लागू करने के बाद बैंकों के माध्यम से सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ी मुहिम शुरू करने जा रही है। देश में महिला उद्यमियों की संख्या काफी कम होने और देश के कुल कर्जदारों में महिलाओं की बेहद कम संख्या को देखते...
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