चेन्नई. जनता पार्टी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने समाजसेवी अन्ना हजारे को कहा है कि उन्हें नेताओं से निबटने के लिए नेताओं को ही साथ लेना चाहिए था। स्वामी ने कहा कि दुर्भाग्य से उनके आस पास गैर-सरकारी संगठन हैं जो फर्जी और बोगस हैं। स्वामी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि गांधीवादी अन्ना हजारे को अपने आंदोलन में नेताओं को भी भागीदार बनाना चाहिए। उन्होंने प्रभावशाली लोकपाल विधेयक के लिये शुरू किये गये...
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हिरना समझ-बूझ वन चरना..- संपादकीय
जिसका शुरू से मुझे डर था, अब वही हो रहा है। लोकपाल के नाम पर उमड़ा अपूर्व जनाक्रोश अब अपूर्व दिग्भ्रम बनता चला जा रहा है। सबसे पहले अन्ना हजारे को ही लें। जब उन्हें अनशन पर बिठाया गया था, तब और अब, जबकि वे लोकपाल विधेयक कमेटी के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं, उनकी अपनी कोई सोच दिखाई ही नहीं पड़ती। उन्हें जो भी तत्काल सूझ पड़ता है, उसे वे अखबारों को...
More »अन्ना की मुहिम को झटका: शांति भूषण को बिना लॉट्री के मिला प्लॉट
नई दिल्ली. जन लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनी समिति के सह अध्यक्ष शांति भूषण के पाक-साफ होने पर उठ रहे सवाल और गहरा गए हैं। शांति और उनके बेटे जयंत भूषण ने उत्तर प्रदेश सरकार से 7 करोड़ रुपये के दो फार्महाउस बाजार दर से करीब चौथाई कीमत में ही हासिल कर लिए हैं। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने विवेकाधीन कोटे से दोनों पिता-पुत्र के नाम ये फार्महाउस अलॉट...
More »अन्ना की मुहिम के खिलाफ अर्जी, हजारे ने सोनिया से मांगा जवाब
नई दिल्ली. लोकपाल बिल पर ड्राफ्टिंग कमिटी की पहली बैठक से पहले उठे सीडी विवाद पर अन्ना हजारे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज चिट्ठी लिखी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि लोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग की प्रक्रिया पर पानी फेरने की कोशिश हो रही है। उधर, पिछले दिनों लोकपाल बिल को लेकर सरकार की ओर से जारी अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर...
More »अन्ना बोले, चरित्र साफ हो तो सरकार झुकाना कठिन नहीं
अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जब से सरकार को झुकाया है, तब से देश में कई आवाजें उनके विरोध में उठी हैं। पर दुनिया में अभी भी वह हीरो बने हुए हैं। मलेशियाई अखबार 'द स्टार' ने 18 अप्रैल के अंक में उन्हें भारत में भ्रष्टाचार से लड़ने वाला नया हीरो करार दिया है। अखबार ने लिखा है कि उनके विरोध में जो कुछ आवाजें उठीं, जनता ने उन्हें...
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