हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आइएफपीआरआइ) के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत पिछले साल की तुलना में तीन पायदान नीचे लुढ़क कर सौवें स्थान पर पहुंच गया। रिपोर्ट में इसके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मध्यान्ह भोजन योजना में भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि सस्ते आयात के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। गौरतलब है...
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थोक महंगाई के मोर्चे पर सितंबर में राहत, कम रहे खाद्य पदार्थों के दाम
नई दिल्ली। सितंबर महीने में थोक मंहगाई के मोर्चे पर राहत देखने को मिली है। इस महीने थोक महंगाई दर 3.24 फीसद से घटकर 2.6 फीसद हो गई है। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की महंगाई दर में बढ़त देखने को मिली है। यह सितंबर में 2.72 फीसद रही है, जोकि अगस्त महीने के दौरान 2.45 फीसद रही थी। वहीं, प्राइमरी आर्टिकल से जुड़ी महंगाई दर 2.66 फीसद से घटकर 0.15 फीसद हो गई...
More »सरकार सस्ती दर पर बेचेगी बफर स्टॉक की दाल
दालों के बफर स्टॉक को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को सस्ती दर पर दाल देगी। केंद्र ने सभी राज्यों को सस्ती कीमत पर दाल खरीदने का प्रस्ताव दिया है, पर सिर्फ चार राज्यों ने ही इसमें दिलचस्पी दिखाई है। ऐसे में सरकार केंद्र की योजनाओं में दाल मुहैया कराने की तैयारी कर रही है। कैबिनेट जल्द इस बारे में फैसला कर सकती है। पिछले साल दाल की कीमतों...
More »'पंजाब जैसे न हो जाएं MP के हालात, कई क्षेत्रों में विकास दर नीचे'
भोपाल। नीति आयोग ने मप्र सरकार को आईना दिखाते हुए कहा है कि प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में भले ही विकास किया हो, लेकिन अन्य क्षेत्रों में प्रदेश राष्ट्रीय औसत से भी पीछे है। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र ने सोमवार को मप्र के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मप्र को पंजाब मत बनाइए। यह अच्छी बात है कि कृषि क्षेत्र में...
More »किसानों को चाहिए साहसिक सुधार-- आलोक रंजन
देश के ज्यादातर राज्य गंभीर कृषि संकट की गिरफ्त में हैं। किसानों का असंतोष व उनकी बेचैनी दिनोंदिन आक्रामक होती जा रही है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में जो कुछ हुआ, वह हमारे नीति-नियंताओं के लिए एक झकझोर देने वाला वाकया था। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उनकी आमदनी नहीं बढ़ रही है। दालों और...
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