-न्यूजक्लिक, "अगर कोई, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या फिर स्थानीय प्रशासन के किसी अधिकारी ने ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट डाली तो उसे फांसी पर चढ़ा देंगे।" नाराजगी भरे यह शब्द किसी व्यक्ति नेता और अफसर के नहीं है। बल्कि इंसाफ का फैसला सुनाने वाले अदालतों में से एक दिल्ली उच्च न्यायालय के हैं। जिनसे अपेक्षा की जाती है कि वह अगर कोई कड़वी बात भी कहेंगे तो थोड़ा उसे सलीके से...
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कूच बिहार हत्याएं: 'केंद्रीय सशस्त्र बलों ने वोटरों की एक कतार पर गोलियां चलाईं, भीड़ पर नहीं
-न्यूजलॉन्ड्री, बंगाल के कूच बिहार क्षेत्र की सीतलकुची विधानसभा के जोरपटकी गांव में मीडिया के खिलाफ ज़बरदस्त गुस्सा है. यहां 10 अप्रैल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों द्वारा की गई फायरिंग में चार व्यक्ति मारे गए थे, अब उनके परिवार एक बहुत बड़ा आरोप लगा रहे हैं. आरोप यह है कि केंद्र वाहिनी, यानी के केंद्रीय सशस्त्र बल, ने बूथ 126 पर वोट डालने के लिए लाइन में खड़े हुए गांव वालों...
More »जानिए कितने साल जिन्दा रहेगा देश में आज पैदा हुआ बच्चा
-डाउन टू अर्थ, भारत में जीवन प्रत्याशा पर किए सबसे हालिया अनुमानों के अनुसार यदि कोई बच्चा आज पैदा हुआ है तो उसके कम से कम 69 साल चार महीने जीवित रहने की सम्भावना है। जबकि यदि वैश्विक स्तर पर जीवन प्रत्याशा के औसत को देखें तो वो 72.8 वर्ष के करीब है। यह जानकारी सेन्सस और भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी एसआरएस-आधारित एब्रीज्ड लाइफ टेबल्स 2014-18 में सामने आई...
More »इंटरव्यू- कृषि कानूनों को मोदी सरकार ने नाक का सवाल बनाया, बीजेपी को होगा 80 से ज्यादा सीटों का नुकसानः हनुमान बेनीवाल
-गांव कनेक्शन, ष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर लोकसभा सीट से सांसद हनुमान बेनीवाल एक किसान नेता के तौर जाने जाते हैं। केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में बेनीवाल ने एनडीए गठबंधन से भी नाता तोड़ लिया। संसद की जिन तीन समितियों में शामिल थे, उनसे भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बेनीवाल शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को सपोर्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि...
More »सौ दिन छूते किसान आंदोलन के बीच तीन कृषि कानूनों को फिर से समझने की एक कोशिश
-जनपथ, OPEN SPACE सौ दिन छूते किसान आंदोलन के बीच तीन कृषि कानूनों को फिर से समझने की एक कोशिश March 3, 2021 - by चौधरी सवित मलिक - Leave a Comment तीन महीने हो चुके हैं दिल्ली के चारों तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता के चलते किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। 250 से अधिक किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। आखिर सरकार...
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