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भूख से लड़ना है, तो भोजन की बर्बादी पहले रोकिए-- पंकज चतुर्वेदी

बीते रविवार को ‘मन की बात' कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से खाने की बर्बादी रोकने की अपील करते हुए कहा कि ‘हम प्लेट भर ले लेते हैं, फिर खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें, तो कितने लोगों का पेट भर सकता है?'   प्रधानमंत्री ने जिस गंभीरता से भोजन की बर्बादी का मुद्दा उठाया है, उससे यह उम्मीद बंधी...

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लाखों की नौकरी छोड़ बच्चों का स्कूल खोला

मुजफ्फरपुर : आइआइएम, लखनऊ से पढ़ाई और इंफोसिस व जेडएस जैसी नामी कंपनियों में नौकरी, जिसमें हर माह वेतन के रूप में लाखों का पैकेज, लेकिन ये सब छोड़ मधुबनी की बेटी और मुजफ्फरपुर की बहू गरिमा विशाल ने बच्चों को पढ़ा कर समाज को बदलने का रास्ता चुना. उन्होंने डेजाऊ नाम से बच्चों का स्कूल खोला है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों पर विशेष जोर दिया...

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लाखों की नौकरी छोड़ बच्चों का स्कूल खोला

मुजफ्फरपुर : आइआइएम, लखनऊ से पढ़ाई और इंफोसिस व जेडएस जैसी नामी कंपनियों में नौकरी, जिसमें हर माह वेतन के रूप में लाखों का पैकेज, लेकिन ये सब छोड़ मधुबनी की बेटी और मुजफ्फरपुर की बहू गरिमा विशाल ने बच्चों को पढ़ा कर समाज को बदलने का रास्ता चुना. उन्होंने डेजाऊ नाम से बच्चों का स्कूल खोला है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों पर विशेष जोर दिया...

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नोटबंदी के दौर में बोलेरो शादी-- विभूति नारायण राव

पिछले चालीस दिनों में नोटबंदी ने देश की तरह मुझे भी तरह-तरह के अनुभव दिए हैं। देश दो खेमों मे बंटा दिख रहा है। एक तरफ देशभक्त हैं, जिनकी बांछें खिली हुई हैं और जो बता रहे हैं कि बस देखते रहिए, देश से काला धन, जाली नोट और आतंकवाद खत्म होने ही वाले हैं। यह अलग बात है कि समय बीतने के साथ ही उनकी मुस्कान धीरे-धीरे कमजोर पड़ती...

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लोकतांत्रिक राजशाही का नया दौर - प्रदीप सिंह

लोकतंत्र दुनिया की सर्वोत्तम व्यवस्था नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि शासन व्यवस्था का इससे बेहतर कोई विकल्प भी नहीं है। इसलिए यह व्यवस्था अपनी तमाम खामियों के बावजूद ज्यादातर देशों में चल रही है। भारत ने भी आजादी के बाद संसदीय लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का फैसला किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। संसदीय जनतंत्र के प्रति पंडित नेहरू की प्रतिबद्धता पर शायद...

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