SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 7339

क्या है कॉप 28 और दक्षिण एशिया के लिए इसके क्या मायने हैं?

द थर्ड पोल, 07 दिसम्बर कॉप 28, इस वर्ष का एक महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के साझेदारों के सम्मेलन को ‘कॉप’ कहा जाता है।  कॉप 28 में इसके 198 हस्ताक्षरकर्ता एक मंच पर होंगे। ये सभी जलवायु परिवर्तन को सीमित करने और इसके प्रभावों को अनुकूलित करने के प्रयासों पर चर्चा के लिए हर साल मिलते हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी...

More »

हर रोज 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने की आत्महत्या: NCRB रिपोर्ट

गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर  एनसीआरबी यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर रोज लगभग 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने पारिवारिक समस्याओं और बीमारी के कारण आत्महत्या की है. वहीं 2021 में किसान और दिहाड़ी मजदूरों के हर रोज आत्महत्या करने की संख्या 144 थी. रिपोर्ट के अनुसार किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए, इसके बाद कर्नाटक,...

More »

कॉप28 ने अपनाया हानि और क्षति फंड, लेकिन प्रस्तावित राशि काफी कम

मोंगाबे हिंदी, 3 दिसम्बर  जलवायु परिवर्तन के टाले ना जा सकने वाले प्रभावों का सामना कर रहे कमजोर देशों की जरूरतों पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन 30 नवंबर को असाधारण रूप से सकारात्मक तरीके से शुरू हुआ। पार्टियों के 28वें सम्मेलन (कॉप28) ने जलवायु संकट से होने वाले नुकसान और क्षति को संबोधित करने के लिए समर्पित एक फंड लॉन्च किया। यह फंड विकासशील...

More »

दुबई कॉप28: हानि और क्षति, जलवायु कार्रवाई और जीवाश्म ईंधन का चरणबद्ध होना प्रमुख मुद्दे

मोंगाबे हिंदी, 01 दिसम्बर  जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क के लिए पार्टियों का 28वां वार्षिक सम्मेलन कॉप28 (COP28) शुरू हो रहा है। इस दौरान देश और पार्टी ब्लॉक उन विषयों पर अपनी स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं जो वैश्विक स्तर पर जलवायु कार्रवाई के भविष्य के संकेत दे सकते हैं।  दुबई में 30 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच होने वाली बैठक से पहले अमेरिका और चीन ने एक संयुक्त...

More »

खसरे से होने वाली मौतों में 43 फीसद की वृद्धि, मामलों में भी हुई 18 फीसदी की बढ़ोतरी: डब्ल्यूएचओ

 डाउन टू अर्थ, 24 नवम्बर  दुनिया में खसरे का खतरा एक बार फिर पैर पसार रहा है। रिपोर्ट से पता चला है कि 2021-22 के बीच खसरे से होने वाली मौतों में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि 2022 में खसरे से 136,000 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर बच्चे थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपनी इस...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close