लेहमन ब्रदर्स के पतन की 10वीं वर्षगांठ पर उम्मीद के मुताबिक विचारों की बाढ़ दिखी है। गुणा-भाग इन सवालों पर हो रहे हैं कि इस संकट की वजह क्या थी? क्या बेहतर तरीके से इससे निपटा गया, और हमने इससे किस तरह के सबक सीखे? ज्यादातर लेखों की बुनियाद समान है, सिवाय एक को छोड़कर, जो पूरी तरह मूल विचार लग रहा है। इसे पेश किया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष...
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घटे नहीं, अर्थव्यवस्था में बढ़ गये हैं जाली नोट- आरबीआई की रिपोर्ट
नोटबंदी का एक मकसद जाली नोटों के चलन पर अंकुश लगाना था लेकिन रिजर्व बैंक के नये आंकड़े कुछ अलग ही संकेत कर रहे हैं. आरबीआई के नये आंकड़ों के मुताबिक जाली नोटों के चलन में इजाफा हुआ है और साल 2017-18 के दौरान छोटे-बड़े लगभर हर मोल के फर्जी नोटों की संख्या बढ़ गई है. हाल ही में जारी रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट(2017-18) के तथ्यों से पता...
More »मध्यप्रदेश: एक चौथाई डिफाल्टर किसानों ने नहीं ली ब्याजमाफी
भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में सरकार आने पर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा क्या की, प्रदेश सरकार की आकर्षक ब्याज माफी योजना अपना आधा लक्ष्य भी तय नहीं कर सकी। साढ़े 16 लाख डिफाल्टर किसानों में से सिर्फ 3 लाख 75 हजार 291 किसानों ने योजना में शामिल होकर मूलधन जमा कराया। जबकि 8 लाख 14 हजार 877 किसानों ने योजना में हिस्सेदारी करने बाकायदा...
More »सुधारों से ही बदलेगी कृषि की तस्वीर - सीता
पिछले हफ्ते दो अलग-अलग राजनीतिक समूह यह दर्शाने की कोशिश करते नजर आए कि उन्हें वास्तव में किसानों के हितों की दूसरों से ज्यादा फिक्र है। इस संदर्भ में सबसे बड़ी घोषणा तो बेशक मोदी सरकार द्वारा खरीफ सीजन की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में डेढ़ गुने इजाफे को लेकर की गई। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक की जद(एस) व कांग्रेस की साझा सरकार ने अपने पहले बजट...
More »आर्थिक प्राणवायु बनी नकदी-- मोहन गुरुस्वामी
देश के विभिन्न हिस्सों में एटीएम नकदी से रिक्त पड़े हैं और आम आदमी बेहाल है. तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में हालात ज्यादा कठिन हैं, जिनकी सीमाएं बड़े दांववाले आसन्न चुनावों के राज्य कर्नाटक से लगी हैं. इस किल्लत की सहज व्याख्या तो यही नजर आती है कि उपलब्ध नकदी कर्नाटक की जनता को सुशासन देने की स्पर्धा में लगे बड़े पक्षों के सुरसाकार मुखों का ग्रास बन गयी...
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