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कोर्ट ही कोर्ट को बचा सकता है-- प्रो. फैजान मुस्तफा

भारत के विधि आयोग की 195वीं रिपोर्ट के आधार पर प्रस्तावित 'जजेज (इन्क्वाॅयरी) बिल, 2006' का उद्देश्य एक ऐसे न्यायिक मंच की स्थापना करना था, जो जजों के विरुद्ध शिकायतों से निबट सके. चार वरिष्ठ जजों का इसका सदस्य होना था. इसके अंतर्गत यह प्रावधान किया गया था कि जिस मामले में महाभियोग की जरूरत न हो, उसमें चेतावनी, परामर्श, फटकार, न्यायिक कार्यों से अलगाव या निजी या सार्वजनिक...

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रेप पर मौत की सजाः कैबिनेट के अध्यादेश को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में दोषी व्यक्तियों को मृत्युदंड तक की सजा देने संबंधी अध्यादेश को आज अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। केंद्रीय कैबिनेट ने कल उस अध्यादेश को अपनी स्वीकृति दी थी जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार करने के दोषी ठहराये गये व्यक्ति के लिये मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने की...

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आधार मतलब निगरानी का आधार नहीं-- अजय भूषण पाण्डेय

न्यूयॉर्क टाइम्स में आठ अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट ‘इंडियाज बिग ब्रदर प्रोग्राम' यह धारणा बनाने की कोशिश है कि जैसे भारत आधार के रास्ते एक ‘ऑरवेलियन राज्य' में तब्दील हो रहा हो। सच तो यह है कि दुनिया का सबसे बड़ा बायोमीट्रिक प्रौद्योगिकी वाला यह मंच (आधार)1.2 अरब लोगों को अपनी पहचान ऑनलाइन बनाने की क्षमता देने के साथ ही, उन्हें वांछित हिस्सेदारी हासिल करने और अपने अधिकारों का इस्तेमाल...

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संविधान के साथ खिलवाड़-- जगदीप छोकर

हाल ही में पास हुए 2018 के फाइनेंस बिल में एक महत्वपूर्ण हिस्सा एफसीआरए (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगूलेशन एक्ट 1976) के संशोधन का है. इसकी शुरुआत 2013 से शुरू होती है, जब यूपीए सरकार ने इलेक्टोरलर ट्रस्ट की एक नयी स्कीम लागू की थी, जिसमें सरकार ने कहा था कि चंदा देनेवाली कंपनियों और राजनीतिक दलों के बीच एक ऐसी दीवार खड़ी कर दी जायेगी, ताकि उनका आपस में कोई गठजोड़...

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न्याय की चौखट से न्याय की आस-- अनूप भटनागर

विडम्बना ही है कि महिलाओं को समान अधिकार दिलाने और उनके हितों की रक्षा के लिये प्रयत्नशील न्यायपालिका में महिलायें अभी भी समुचित प्रतिनिधित्व से वंचित हैं। संसदीय समिति बार-बार महिला न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि करने की सिफारिश कर रही है। देश के 24 उच्च न्यायालयों में कार्यरत 673 न्यायाधीशों में इस समय सिर्फ 73 महिला न्यायाधीश हैं जबकि अधीनस्थ न्यायपालिका में कार्यरत 15959 न्यायाधीशों में 4409 महिला न्यायाधीश...

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