-जनपथ, मध्य प्रदेश में एक इलाका है मालवा. बेहद संपन्न, बेहद उपजाऊ, पर मालवा का देवास जिला इसकी संपन्नता का ठीक उलट था. वजह- गहरा जल संकट. इस इलाके में जलसंकट सन 2000 वाले दशक में इतना विकट था कि शहर में जलापूर्ति ट्रेनों के जरिये की जाने लगी थी. खेती चौपट हो गई और किसानों को साल भर में महज एक ही फसल मिल रही थी. पानी के संकट ने...
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दुनिया के हर पांचवे बच्चे को नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी: यूनिसेफ
-डाउन टू अर्थ, दुनिया के हर पांचवे बच्चे के पास उसकी रोज की जरूरतों को पूरा करने लिए पर्याप्त पानी नहीं है। वैश्विक स्तर पर देखें तो करीब 142 करोड़ लोग उन स्थानों पर रहते हैं जहां पानी की भारी कमी है। इनमें 45 करोड़ बच्चे भी शामिल हैं। यह जानकारी यूनिसेफ द्वारा 18 मार्च 2021 को जारी विश्लेषण में सामने आई है। आंकड़ों से पता चला है कि 80 से ज्यादा...
More »कौशिक बसु के साथ राहुल गांधी की बातचीत में जो अनकहा रह गया, उसे भी समझें
-जनपथ, राहुल गांधी के लिए ज़रूरी कर दिया गया था कि देश की वर्तमान हालत पर कोई भी नई टिप्पणी करने या पुरानी को दोहराने से पहले वे उस घोषित ‘इमरजेंसी’ को सार्वजनिक रूप से ज़लील करें जिसे इंदिरा गांधी ने कोई साढ़े चार दशक पूर्व देश पर थोपा था। राहुल गांधी ने सभी अपने-पराये विपक्षियों को भौचक्क करते हुए ऐसा करके दिखा भी दिया। ज्ञातव्य है कि राहुल बार-बार आरोप लगा...
More »सूखे बुंदेलखंड में जल संरक्षण की मिसाल है जखनी गांव
-वाटर पोर्टल, भारत में जब भी जल संकट की बात होती है, तो उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड़ का जिक्र जरूर होता है। यहां पाताल में जाता भूजल, मुंह चिढ़ाते सूखे कुएं-तालाब और दम तोड़ती नदियों के कारण बुंदेलखंड़ में किसान होना अभिशाप हो गया है। पानी की कमी के चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। पानी का संकट, खेती में नुकसान और रोजगार का अभाव युवाओं को पलायन के लिए मजबूर...
More »प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का क्यों विरोध कर रहे हैं मछुआरे और किसान
-डाउन टू अर्थ, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से लगे पालघर जिले के समुद्री तट पर स्थित और पर्यावरण के लिए अति संवेदनशील क्षेत्र वाढवण में बंदरगाह निर्माण को लेकर स्थानीय लोग नाराज हैं। उनका आरोप है कि इस परियोजना के अंतर्गत पर्यावरण को होने वाले नुकसान का पर्याप्त अध्ययन नहीं किया गया। विरोध का दूसरा कारण यह है कि जैव विविधता और मछुआरों तथा किसानों की आजीविका की दृष्टि से यह पूरी...
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