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सेहत की आड़ में सेहत से खिलवाड़

कैंसर से बचाने के लिए हजारों गरीब बच्चियों को एक विवादित टीका लगाया जा रहा है और ऐसा करने के लिए सरकार, कंपनियां और गैरसरकारी संगठन नियम-कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. शांतनु गुहा रे और कुणाल मजूमदार की रिपोर्ट नागेश्वर और वेंकटम्मा से जब कोई सरिता के बारे में पूछता है तो वे कुछ नहीं कहते. बस दीवार पर टंगी एक फोटो की तरफ इशारा कर देते हैं. आप कुछ...

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बड़े सपनों की पाठशाला का नन्हा हेडमास्टर

  16 साल के बाबर अली का स्कूल बताता है कि बड़े काम बड़ी उम्र के मोहताज नहीं होते. सम्राट चक्रबर्ती की रिपोर्ट(तहलका (हिन्दी) से साभार) प. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बेल्डांगा रेलवे क्रॉसिंग के आस-पास शायद ही ऐसा कुछ हो जो आपको खास लगे. लेकिन कोलकाता से हमारी पांच घंटे की बस यात्रा की मंजिल यहीं थी. मार्क्सवादी सपने दिखानेवाले और शादीशुदा दंपत्तियों की निजी समस्याओं के समाधान...

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बैंक की तर्ज पर पोस्ट ऑफिसों में सीबीएस की सुविधा

पोस्ट आफिस के खाताधारकों को अब धन निकासी व जमा कराने में परेशानी नहीं होगी। बैंकों की तर्ज पर अब प्रदेश के पोस्ट ऑफिसों में कोर बैकिंग सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। उपभोक्ता देश के किसी कोने में अपनी रकम का लेन-देन कर सकेंगे। प्रदेश के नौ डिविजनों के चुनींदा डाकघरों में सीबीएस की तैयारी शुरू कर दी गई है। पहले चरण में यह सेवा मुख्य डाकघरों में लागू होगा। ग्लोबलाइजेशन के दौर में...

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डाक सेवक बना रहे हैं राष्ट्रीय सूचकांक

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के चुनिंदा गांवों में डाक कर्मचारियों ने अब खेतों और दुकानों से खाद्य और अखाद्य वस्तुओं के भाव एकत्रित करना आरंभ कर दिया है। पिछले तीन माह से क्रम लगातार जारी है। देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां से भेजे जाने वाले आंकड़ों से केंद्र सरकार के राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की गणना की जाती है। केंद्र सरकार ने गांवों-कस्बों में उत्पादों के असल मूल्य जानने और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार...

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नरेगा और सोशल ऑडिट

खास बात • मनरेगा में वित्तवर्ष 2015-16 में 235.6 करोड़ व्यक्ति-दिवसों के बराबर रोजगार का सृजन हुआ है. यह पिछले पांच सालों में अधिकतम है.   • वित्तवर्ष 2015-16 में कुल 5.35 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत रोजगार की मांग की लेकिन केवल 4.82 करोड़ परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका यानी 9.9 फीसद परिवारों को मांग के बावजूद रोजगार नहीं हासिल हुआ.   • वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति परिवार औसतन 49 व्यक्ति दिवसों के बराबर...

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