पटना : पटना जिले की आबादी 2011 की जनसंख्या के मुताबिक 58 लाख 38 हजार 465 है, जिनमें से अाधी से अधिक आबादी अब भी खुले में शौच जाने को मजबूर है. कई लोगों के पास जमीन नहीं है, तो कई लोग आर्थिक रूप से शौचालय निर्माण करने में सक्षम नहीं हैं. सरकारी योजनाओं में शौचालय निर्माण की बात जोर-शोर से की जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और...
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शब्दों के खेल में उलझी गंगा-- दुनू रॉय
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने अपने एक आदेश में कहा है कि गंगा नदी के सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए. एनजीटी ने अपने आदेश में उत्तराखंड के हरिद्वार से लेकर उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा नदी के किनारे से सौ मीटर तक के तटीय क्षेत्र को ‘नो डेवलपमेंट जोन' भी घोषित किया है. साथ ही यह भी कहा है कि गंगा के...
More »नदी पुनर्जीवन ही विकल्प-- सुरेश उपाध्याय
माना जाता है कि सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर ही हुआ है। लेकिन हम जिस दौर में जी रहे हैं और विकास की जिस अंधाधुंध दौड़ में शामिल हो गए हैं, उसने सबसे पहला हमला हमारी नदियों पर ही किया है। एक ओर नदियों को प्रदूषित किया जा रहा है तो दूसरी ओर कई नदियां विलुप्ति के कगार पर हैं या विलुप्त हो चुकी हैं। नदियों के शुद्धीकरण...
More »पानी के प्रबंधन में बुनियादी बदलाव की दरकार, बने नेशनल वाटर कमीशन-- मिहिर शाह समिति
आजादी के बाद से अबतक बड़े और मंझोले आकार की सिंचाई परियोजनाओं में 4 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं लेकिन ज्यादातर किसानों के लिए अब भी सिंचाई का पानी मुहाल है. सूखे की मार झेलती देश की खेती से जुड़ी इस तल्ख सचाई की तरफ ध्यान दिलाया गया है पानी का प्रबंधन सुधारने के मसले पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में. रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग(सीड्ब्ल्यूसी) और केंद्रीय भूजल बोर्ड के कामकाज...
More »यमुना का यह हाल क्यों है-- पंकज चतुर्वेदी
पिछले एक सप्ताह से दिल्ली के अतिविशिष्ट इलाके लुटियन जोन के नल रीते थे, कारण हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश कर रही यमुना इतनी जहरीली हो गई थी कि वजीराबाद व चंद्रावल के जल परिशोधन संयंत्र की ताकत उन्हें साफ कर पीने लायक बनाने के काबिल नहीं रह गई थी। वैसे तों दिल्ली भी यमुना को ‘रिवर' से ‘सीवर' बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती, लेकिन इस बार हरियाणा के...
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