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नरेगा की दैनिक मजदूरी बढ़ी

कोलकाता : राज्य सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के तहत दैनिक मजदूरी बढ़ाने की घोषणा की. राइटर्स बिल्डिंग में पंचायत मंत्री अनिसुर रहमान ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि नरेगा के तहत पहले मजदूरों की दैनिक मजदूरी 81 रुपये मिलती थी. इसे बढ़ा कर 100 रुपये कर दिया गया है. यह एक जनवरी 2010 से लागू होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में यह न्यूनतम मजदूरी देने...

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सामाजिक अंकेक्षण ने खोली भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की राह

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सिलसिलेवार सामाजिक अंकेक्षण से नरेगा के कामों में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। सामाजिक अंकेक्षण की एक परिणति कई सरकारी अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने में हुई है । सामाजिक अंकेक्षण से नरेगा के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों को करोड़ों रुपये की बकाया मजदूरी का भुगतान भी हासिल हो सका है।(देखें कृपया नीचे दी हुई लिंक)।नरेगा के काम में...

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आँकड़ों में गांव

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अपने 77वें दौर के सर्वेक्षण के आधार पर 10 सितंबर, 2020  को 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019' नामक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट 1 जनवरी, 2019 से 31 दिसंबर, 2019 के बीच किए गए एनएसओ के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित है. इस अवधि के दौरान एनएसओ द्वारा 45000 से अधिक कृषि परिवारों का...

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कर्ज का फंदा

  राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की रिपोर्ट [inside]Key Indicators of Situation Assessment Survey of Agricultural Households in India (January, 2013- December, 2013)[/inside] के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य़: http://www.im4change.org/siteadmin/tinymce//uploaded/Situation%20Assessment%20Survey%20of%20Agricultural%20Households%20in%20NSS%2070th%20Round.pdf   --- तकरीबन साढ़े चार हजार गांवों के सर्वेक्षण पर आधारित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 70वें दौर की इस रिपोर्ट के अनुसार आंध्रप्रदेश में कर्ज में डूबे किसान-परिवारों की संख्या सबसे ज्यादा((92.9%) है। तेलंगाना के 89.1% किसान परिवार कर्ज में डूबे हैं जबकि तमिलनाडु में कर्ज के बोझ...

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शिक्षा

खास बात • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में पुरुष साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ६३ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ६८ फीसदी हो गई।* • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में महिला साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ३६ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ४३ फीसदी हो गई।*  • भारत के ग्रामीण अंचल में अनुसूचित जनजाति के तबके के लोगों में साक्षरता दर सबसे कम(४२ फीसदी) पायी गई है। इसके तुरंत बाद अनुसूचित...

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