नई दिल्ली। शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे 'बचपन बचाओ आंदोलन' के संस्थापक कैलाश सत्यार्थी को वर्ष 2014 का शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिलने की उनके स्टाफ ने जानकारी दी, तो पहले उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। फिर अचानक उनके मुंह से निकला, ‘नोबेल पुरस्कार'। ये वो पल थे, जब उनकी अांखें पहली बार नम देखी गईं। इससे पहले उनके स्टाफ या परिवार के लोगों ने उन्हें इतना भावुक नहीं...
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भारत के जाने-माने बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी
भारत और पाकिस्तान के दो नागरिकों को संयुक्त रूप से इस बार का शांति का नोबेल पुरस्कार दिया है. भारत से बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी व पाकिस्तान से बच्चों के अधिकारों व तालिबान के खिलाफ संघर्ष करने वाली मलाला युसूजई को एक साथ शांति का नोबेल पुरस्कार इस बार दिया गया है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर कैलाश सत्यार्थी ने कहा था कि एक चाय बेचने वाला बच्च...
More »जन-स्वास्थ्य से खुलेगी तरक्की की राह - बिल गेटस्
मैंने 1980 के दशक में जब भारत में आना शुरू किया, तो मैं यहां के आईटी क्षेत्र की बढ़त और उद्यमिता की सोच को देखकर अचंभित हो गया। भारत के एक नियमित पर्यटक के रूप में मैं यह मानता हूं कि देश का भविष्य काफी उज्जवल है। लेकिन एक चीज, जिससे भारत के उज्जवल भविष्य की संभावनाएं और भी बढ़ सकती हैं, वह है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर अधिक निवेश।...
More »बजर पड़े तो बजरा बोएं, आधुनिक तरीके से करें बाजरे की खेती- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी
बाजरा अथवा पर्लमीलेट (पेनीसेटम टाईफ्वायडस एल) एक महत्वपूर्ण मोटे अनाज वाली फसल है. इसकी खेती प्रागैतिहासिक काल से अफ्रीका एवं एशिया प्रायद्विप में होती रही है. तमाम मौसम संबंधित कठोर चुनौतियों का सामना खासकर सूखा को आसानी से सहने के कारण राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्रा, ओडीसा, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं अन्य सुखा ग्रस्त क्षेत्रों की यह महत्वपूर्ण फसल है. समस्त अनाजवाली फसलों में सूखा के प्रति सर्वाधिक प्रतिरोधक...
More »मध्यप्रदेश के इंदौर में अमीरों के 'गुलाम' बन रहे गरीब बच्चे
सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। अमीर परिवार के लोग अपने बच्चों की परवरिश के लिए गरीबों के बच्चों का बचपन छीन रहे हैं। इंदौर में दूसरे प्रदेशों से बच्चों को खरीदकर नौकर बनाने का चलन भी लगातार बढ़ता जा रहा है। सालभर में 10 से ज्यादा मासूम बाल श्रमिकों के मामले उजागर हुए, जिन्हें बड़े परिवारों ने घरेलू नौकर बना दिया। अब श्रम विभाग ने एनजीओ और महिला बाल विकास विभाग...
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