SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 363

मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी

-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...

More »

अधिकारों की लड़ाई में साथ आए आंदोलनकारी किसान और कुंडली के मजदूर

-कारवां, 35 साल के रिंकू कुमार मजदूरी करते हैं. उन्होंने मुझे बताया कि जब मार्च में कोरोनावायरस लॉकडाउन लगाया गया था तब वह हरियाणा के सोनीपत जिले के औद्योगिक शहर कुंडली में एक इस्पात निर्माण कंपनी में काम कर रहे थे. लॉकडाउन लगने के बाद अन्य प्रवासियों की तरह वह भी बिहार के खगड़िया जिले में अपने घर वापस चले गए. कुमार ने बताया कि उनके नियोक्ता ने उस वक्त उनकी 17...

More »

26-27 नवंबर को किसानों-मज़दूरों का मोर्चा देश को बचाने की लड़ाई है

-न्यूजक्लिक,  यह एक संयोग मात्र नहीं है, वरन जनांदोलनों के बीच बढ़ती एकता का नमूना है कि 26-27 नवंबर को देश के सारे किसान और मज़दूर संगठनों ने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है, मज़दूरों की आल इंडिया जनरल स्ट्राइक और किसानों का दिल्ली चलो एक ही दिन! मज़दूरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान करने वाले Joint Platform of Central Trade Unions and Sectoral Federations & Associations ने अपने मांग पत्र...

More »

कब मिलेगी प्रवासी मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा?

-न्यूजक्लिक, वैसे तो अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत प्रवासी मजदूरों के कल्याण के संरक्षण को लेकर कई कानून मौजूद हैं, लेकिन वे शायद ही कभी अमल में लाये जाते हैं। एक आदिवासी प्रवासी महिला की मौत ने जो कि भिवंडी के नजदीक धान के खेतों में काम करती थी, की मौत ने प्रवासी मजदूरों की सामजिक सुरक्षा की जरूरत को एक बार फिर से रेखांकित किया है। चालीस वर्षीया चन्द्राबाई थालेकर, जिनके तीन...

More »

टाइम यूज सर्वे: महिलाओं के गले में बंधा है घर का चुल्हा चौंका और देखभाल का अवैतनिक काम

अन्य कई कारणों के अलावा, देश में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की कम श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) के पीछे एक कारण (अर्थशास्त्रियों के अनुसार) यह है कि युवा लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, जिसकी वजह से माध्यमिक और उच्च शैक्षिक स्तर पर महिलाओं के एनरोलमैंट में सुधार देखने को मिला है. इसका अर्थ यह है कि अधिक से अधिक भारतीय महिलाएँ अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close