एक शे'र है- किसी का नाम न लो, बेनाम अफसाने बहुत से हैं.' प्रधानमंत्री के लंदन उवाच को सुनकर बरबस यह शे'र याद आ गया. प्रधानमंत्री ने अपना मौन तोड़ा और कुछ कहा भी नहीं. न बच्ची का नाम लिया (वह तो शायद ठीक ही था), न कठुआ और उन्नाव का नाम लिया, न ही यह माना कि इन दोनाें जगह उनकी पार्टी की सरकार है, न ही यह स्वीकारा...
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उपेक्षा की मार झेल रहा एक जिला-- योगेन्द्र यादव
पिछले सप्ताह से यह सवाल मेरे मन में बार-बार घूम रहा है. पिछले सप्ताह नीति आयोग ने देश के सबसे पिछड़े 101 जिलों की सूची जारी की. इस सूची में सबसे ऊपर यानी देश का सबसे पिछड़ा जिला होने का श्रेय हरियाणा के मेवात जिले को जाता है (आजकल इसका सरकारी नाम जिला मुख्यालय के नाम पर नुहू कर दिया गया है). बिहार के अररिया, छत्तीसगढ़ के सुकमा, उत्तर प्रदेश...
More »भेदभाव के शिकार बिहार जैसे राज्य-- डा. शैबाल गुप्ता
केरल के वित्त मंत्री डॉ टीएम थॉमस इसाक ने 10 अप्रैल, 2018 को दक्षिण भारत (तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल) के सभी वित्त मंत्रियों की बैठक बुलायी है. बैठक 15वें वित्त आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) के संबंध में केंद्र सरकार के पास सामूहिक राय पेश करने के लिए बुलायी गयी है. क्योंकि, इस वित्त आयोग में संसाधनों के वितरण के लिए 2011 की जनगणना को आधार...
More »भारत में कुल 4 लाख से ज्यादा भिखारी, एक जगह ऐसी भी जहां केवल दो, जानिए अन्य का हाल
भारत में चार लाख 13 हजार 670 भिखारी हैं। दो लाख 21 हजार 673 इनमें पुरुष हैं, जबकि एक लाख 91 हजार 997 महिलाएं हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल में भिखारियों और बेघरों की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। तकरीबन चार लाख भिखारियों में 81 हजार सिर्फ पश्चिम बंगाल में रहते हैं। लेकिन एक जगह ऐसी भी है, जहां सिर्फ दो भिखारी हैं। यह जगह लक्षद्वीप है। ये सारे दावे...
More »एक साल में 38 हजार बच्चे 28 दिन भी नहीं जी पाते, 5 साल में इतना बढ़ गया शिशु मृत्यु दर
पटना : शिशु मृत्यु दर में अव्वल रहने वाले बिहार में बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है. नीति आयोग और नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य की दयनीय स्थिति बताती है. बच्चों की मृत्यु दर कम नहीं हो पा रही. यही वजह है कि प्रदेश में एक साल में 38 हजार बच्चों की मौत हो रही है. 5 साल में...
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