रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने श्रमिक बहुल सात नए क्षेत्रों में औषधालय खोलने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि मेहनतकश मजदूरों को बेहतर और नि:शुल्क इलाज की सुविधा देने के लिए छत्तीसगढ़ में सात नए श्रमिक बहुल क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। इन क्षेत्रों में रायपुर जिले के बैकुण्ठ-तिल्दा, भाटापारा, बलौदाबाजार और मंदिरहसौद, धमतरी जिले का धमतरी, दुर्ग जिले का नगर निगम क्षेत्र...
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मौत भूख से नहीं, बीमारी से
चित्ताौड़गढ़ जिला प्रशासन द्वारा चंपाखेड़ी तहसील भदेसर के निवासी किशन सिंह की मौत के बारे में कराई गई जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि किशन सिंह की मौत भूख से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण हुई है। चित्ताौड़गढ़ जिला कलक्टर स्वयं भी किशन सिंह के घर गए और उनके परिवारजनों से संपर्क किया। जिसमें ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया कि स्व. किशन सिंह का परिवार भूख से पीडि़त है। इससे पहले...
More »भोजन का अधिकार
खास बात · खाद्य सुरक्षा विधेयक में कहा गया है कि देश के ग्रामीण क्षेत्र के 75 फीसदी और शहरी क्षेत्र के 50 फीसदी लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इस आबादी का वर्गीकरण दो कोटिय़ों- प्राथमिक(priority) और सामान्य(general)- के रुप में किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र से 46 फीसदी लोगों को प्राथमिक वर्ग में रखा जाएगा जबकि शहरी क्षेत्र से 28 फीसदी लोगों को। बाकी जन दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य वर्ग में माने जायेंगे। विधेयक के...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
More »नरेगा और सोशल ऑडिट
खास बात • मनरेगा में वित्तवर्ष 2015-16 में 235.6 करोड़ व्यक्ति-दिवसों के बराबर रोजगार का सृजन हुआ है. यह पिछले पांच सालों में अधिकतम है. • वित्तवर्ष 2015-16 में कुल 5.35 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत रोजगार की मांग की लेकिन केवल 4.82 करोड़ परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका यानी 9.9 फीसद परिवारों को मांग के बावजूद रोजगार नहीं हासिल हुआ. • वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति परिवार औसतन 49 व्यक्ति दिवसों के बराबर...
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