SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 867

कोविड-19 टीके के लाभार्थियों से पूछे बिना ही बना दी स्वास्थ्य आईडी

-कारवां, मई 2021 की शुरुआत में 29 वर्षीय श्वेता सुंदर अपने परिवार के तीन सदस्यों के साथ कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक लेने के लिए दक्षिणी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल गई थीं. टीकाकरण केंद्र के कर्मचारियों ने उन्हें पहचान के लिए आधार कार्ड जमा करने को कहा. सरकार ने जो दिशानिर्देश जारी किए हैं उनके अनुसार लाभार्थी छह अन्य प्रकार के सरकारी पहचान पत्र जमा कर सकते हैं. सुंदर ने कहा, “उस...

More »

क्या हम भारतीय कृषि क्षेत्र में घटती किसानी आमदन के साक्षी हैं?

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019', हाल ही में जारी स्थिति आकलन सर्वेक्षण इस तथ्य को स्थापित करता है कि किसान परिवार अपनी आजीविका के लिए 'खेती-बाड़ी से शुद्ध आय' के बजाय मजदूरी पर अधिक से अधिक निर्भर हैं. मार्क्सवादी शब्दावली में, सर्वहाराकरण (एक शब्द जिसे हम निर्वासन के लिए शिथिल रूप से उपयोग कर सकते हैं) उस प्रक्रिया...

More »

विश्व कपास दिवस: कपास से दुनिया भर में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को होता है फायदा

-डाउन टू अर्थ, हम अधिकतर कपास से बनाए जाने वाले कपड़ों को पहनते हैं। यह आरामदायक, सांस लेने योग्य और टिकाऊ होते है। कपास सिर्फ एक वस्तु ही नहीं है उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। यह प्राकृतिक रूप से बनाया जाने वाला कपड़ा दुनिया भर में लोगों के जीवन बदलने वाला उत्पाद है। दुनिया भर में कपास को 286.7 लाख से अधिक किसान उगाते हैं। यह 5 महाद्वीपों के 75 देशों...

More »

पूंजीवाद के दौर में क्यों ज़रूरी है किसान-मज़दूरों का गठबंधन

-न्यूजक्लिक, मार्क्सवादी सिद्धांत, बदलते वक्त के साथ विकसित होता है, जैसे कि खुद पूंजीवाद विकसित होता है। इसीलिए तो मार्क्सवाद अब भी एक जीवंत सिद्धांत बना हुआ है। पूंजीवाद का अतिक्रमण संभव बनाने वाली क्रांतिकारी प्रक्रिया में किसानों की भूमिका के प्रश्न पर, मार्क्सवादी सिद्धांत में उल्लेखनीय विकास हुए हैं। मैं यहां इन्हीं पर चर्चा करने जा रहा हूं। हालांकि फ्रेडरिक एंगेल्स ‘द पीजेंट वार इन जर्मनी’ में पहले ही इस...

More »

देश की जरूरत को अनदेखा कर भारत में निर्मित जॉन्सन एंड जॉन्सन वैक्सीन की 60 करोड़ खुराक पश्चिमी देशों को देने की तैयारी?

-कारवां,  ऐसे समय में जब भारत अपने ही नागरिकों का टीकाकरण पर्याप्त रूप से नहीं कर पा रहा है, हैदराबाद में निर्मित जॉन्सन एंड जॉन्सन सिंगल-शॉट टीकों की 60 करोड़ खुराकें यूरोप तथा अमेरिका को निर्यात करने पर विचार हो रहा है. इस बात को लेकर नागरिक समाज चिंतित है. यहां सितंबर में लगभग हर दिन कोरोना के 30 से 40 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक देश की केवल 14...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close