प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सरदार सरोवर बांध को देश को समर्पित किया। इस बांध की ऊंचाई को 138.68 मीटर तक बढ़ाया गया है, और इस तरह यह विश्व के सबसे बड़े बांधों में शामिल हो गया है। लेकिन विश्व में बड़े बांधों को लेकर बांध विषेशज्ञों की राय अच्छी नहीं है। जब टिहरी बांध बन रहा था, तब भी देश में बड़े बांधों को लेकर बहस चली...
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नदियों को जोड़ने में चुनौतियां कम नहीं - मृणाल पांडे
भारत एक नदी मातृक देश है। यहां की तमाम बड़ी-छोटी नदियों ने ही अपने तटों पर यहां हजारों बरसों से नाना सभ्यताओं और परंपराओं को उपजाया व सींचा है। बचपन से ही हर बच्चा सप्त-महानदियों का गुणगान सुनता है, जब-जब कोई जन किसी भी देवप्रतिमा का पवित्र जल से अभिषेक करे। 'गंगेयमुनेश्चैवगोदावरिसिंधुकावेरी जलेऽअस्मिन्सन्न्धिं कुरु के परिचित मंत्र में हर पात्र के जल में सात बड़ी नदियों - गंगा, यमुना, गोदावरी,...
More »बाढ़ के आकार का बढ़ते जाना -- दिनेश मिश्र
बिहार की बाढ़ फिर चर्चा में है। राज्य के 13 जिलों में नदियों ने कहर बरपा रखा है। अब तक 56 लोगों की मौत बाढ़ के कारण हो चुकी है और करीब 70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आवाजाही ठप है। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। इन इलाकों का हवाई सर्वेक्षण हो चुका है। बचाव व राहत कार्यों के लिए कई जगहों पर सेना भी उतारी...
More »अकथ कहानी खेत की-- राकेश दीवान
जून महीने के बीस दिनों में हुर्इं चालीस से अधिक किसानों की आत्महत्याओं का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य' पर केवल तुअर, मूंग और उड़द खरीदने और आठ रुपए किलो में प्याज खरीदने और फिर भंडारण की कमी के चलते सड़ाने की तजवीज भर नजर आई। आज भी किसानी ‘अन-स्किल्ड' यानी अकुशल श्रम भर मानी जाती है...
More »परंपरागत तरीकों से सूखे की समस्या को मात देते लोग - पंकज चतुर्वेदी
अभी देश से मानसून बहुत दूर है और भारत का बड़ा हिस्सा सूखे, पानी की कमी व पलायन से जूझ रहा है। बुंदेलखंड के तो सैकड़ों गांव वीरान होने शुरू भी हो गए हैं। एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में बड़े जल संचयन स्थलों (जलाशयों) में पिछले साल की तुलना में कम पानी बचा है। यह सवाल हमारे देश में लगभग हर तीसरे साल खड़ा...
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