गाँव सवेरा, 23 जून इकनोमिक एंड पोलिटिकल वीकली (पत्रिका) के नए संस्करण में प्रकाशित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के एक अध्ययन से पता चला है कि पंजाब के छह जिलों में साल 2000 से 2018 के बीच आत्महत्या से 9,291 किसानों की मौत हुई है. सर्वेक्षण में शामिल जिलों में संगरूर, बठिंडा, लुधियाना, मानसा, मोगा और बरनाला शामिल हैं. अध्ययन में यह पाया गया है कि इन सभी आत्महत्याओं में 88 फीसदी...
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खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
More »दिल्ली, उत्तर-पश्चिम के मैदानी इलाके पिछली गर्मियों के मुकाबले इस बार अधिक प्रदूषित रहे: अध्ययन
कार्बनकॉपी, 11 जुलाई नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) ट्रेकर का विश्लेषण बताता है कि दिल्ली में इस साल पीएम 10, पीएम 2.5 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) प्रदूषण पिछले साल के मुकाबले बहुत खराब रहा। मार्च से जून तक पीएम 10 और पीएम 2.5 सुरक्षित सीमा से ऊपर थे और NO2 की मात्रा मार्च और अप्रैल में बढ़ी। कोयला बिजलीघरों से होने वाले प्रदूषण काफी रहा क्योंकि इस साल भीषण गर्मी के...
More »13 नेशनल मेडल जीते, सुप्रीति को जाना है कोलंबिया लेकिन ढंग के जूते तक नहीं
क्विंट हिंदी, 6 जुलाई सुप्रिति जब आठ महीने की थीं, उसी वक्त उनके पिता को माओवादियों ने मार दिया था. बीते 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में हाल ही में संपन्न हुए खेलो इंडिया का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस टूर्नामेंट में हमारे खिलाड़ियों ने कई रिकॉर्ड्स बनाए. इसमें अधिकतर बहुत ही साधारण परिवारों से आते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यहां कुल 12...
More »सतत विकास लक्ष्य: साढ़े तीन दशक पीछे चल रहा है एशिया-प्रशांत, जलवायु परिवर्तन के मामले में 6 अंक पिछड़ा भारत
-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और कोविड-19 महामारी ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाला है, जिसका प्रभाव सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) पर भी साफ देखा जा सकता है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट “एशिया एंड द पैसिफिक एसडीजी प्रोग्रेस रिपोर्ट 2022” से पता चला है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र अपने एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तय समय सीमा यानी...
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