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गांव-देहात के हिसाब से इस बजट में क्या है?

-गांव सवेरा, • ‘उर्वरक सब्सिडी’ पर खर्च साल 2021-22 (R.E) में 1,40,122 करोड़ रुपए से घटाकर 2022-23 (B.E.) में 1,05,222 करोड़ रुपए कर दिया गया है. उर्वरक सब्सिडी पर बजटीय आवंटन साल 2021-22 (B.E.) में 79,530 करोड़ रुपए था. 2021-22 में उर्वरक सब्सिडी पर खर्च के बजट अनुमान और संसोधित अनुमान के बीच बड़ा अंतर उर्वरकों की कीमत और इनपुट लागत में वृद्धि के कारण हुआ है. • कुल बजटीय खर्च के अनुपात के रूप में उर्वरक सब्सिडी 2021-22 (B.E.) में 2.28 प्रतिशत थी, जो 2022-23 (B.E.) में मामूली रूप से बढ़कर 2.67 प्रतिशत...

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बेरोजगारी से परेशान होकर आंदोलन करने को मजबूर, देश का युवा इतना बेचैन क्यों है?

-द प्रिंट, जब देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा था तब बिहार से कुछ ऐसी तस्वीरें आईं जिन्हें देखकर गुस्सा भी आया और तरस भी. गुस्सा इस बात का कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. सरकारी रेल की कई बोगियों को आग के हवाले कर दिया गया. तरस इस बात पर कि देश के युवा क्यों बार-बार इस तरह के आंदोलन करने को मजबूर हो जाते हैं? आखिर इस...

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कोविड: तीन राज्यों में आधिकारिक आंकड़े से 3.5 लाख ज़्यादा मौतें, मुआवज़ा पाना टेढ़ी खीर

-द वायर, पिछले साल, जिस समय नोवेल कोरोना वायरस ने मूल से कहीं ज्यादा घातक रूप अख्तियार कर लिया था- जिसने भारत में कोविड-19 की दूसरी प्रचंड लहर को जन्म दिया- उसी समय श्रवण सिंह खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने घर आ गए. सिंह को लगा कि तमिलनाडु की तुलना में, जहां वे काम करते थे, राजस्थान के सीकर में उनके कोरोना से बचने की संभावना कहीं ज्यादा है. धोद स्थित...

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आम बजट 2022-23:स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर फिर से ध्यान देना जरूरी क्यों?

-डाउन टू अर्थ,  क्या हमारा ध्यान प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से हट रहा है। इसका जवाब जो भी हो, तथ्य यह है कि अगर हम ऐसा कर रहे हैं, तो हम इसकी भरपाई नहीं कर सकते। अक्टूबर 2019 में ग्रामीण भारत को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया था। इस घोषणा से केंद्र सरकार के जल-शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेयजल और स्वच्छता विभाग का...

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प्रगतिशील किसान सेठपाल सिंह को मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार, बीएससी के बाद खेती शुरु करने वाले किसान की कहानी

-गांव कनेक्शन, सेठपाल सिंह का खेत किसी प्रयोगशाला से कम नहीं, अपने 15 हेक्टेयर खेत में वो धान, गेहूं, गन्ना जैसी फसलों के साथ ही लौकी, मिर्च, गोभी, मिर्च जैसी सब्जियों की खेती भी करते हैं। यही नहीं वो खेत में सिंघाड़े की भी खेती करते हैं, पिछले कुछ साल में उन्होंने कमल की भी खेती शुरू की है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर किसान गन्ने की खेती ही करते हैं,...

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