SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 255

जलवायु परिवर्तन और शिकार की वजह से खत्म हो रहे सिक्किम के तीस्ता नदी के मेढ़क

मोंगाबे हिंदी, 23 नवम्बर जलवायु परिवर्तन की मार अब मेढकों पर भी। हाल ही में आए शोध से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से तीस्ता नदी के आसपास पाए जाने वाले मेढक खत्म हो रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत की जीवन रेखा मानी जाने वाली तीस्ता नदी समुद्र तल से 7,096 मीटर ऊपर स्थित हिमालय के पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है। तीस्ता भारत के सिक्किम राज्य में...

More »

क्या जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते पलायन को वैश्विक मान्यता मिल पाएगी?

डाउन टू अर्थ, 16 नवम्बर जलवायु आपातकाल इसे और तीव्र कर रहा है क्योंकि अधिक से अधिक आपदाएं देशों को प्रभावित कर रही हैं। यह आपातकाल लोगों की सहनशक्ति को भी लगातार कम कर रहा है। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदाएं पलायन को नए रूप दे रही हैं। अब पलायन केवल देश के भीतर ही नहीं] बल्कि देशों के बीच भी हो रहा...

More »

जलवायु संकट: जलवायु रिकॉर्ड का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में किया गया दर्ज

कार्बनकॉपी, 16 नवम्बर हमारी धरती तेजी से गर्म हो रही है और इसका एक और नया सबूत सामने आया है। जब जलवायु इतिहास का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में दर्ज किया गया है। नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि इस साल अक्टूबर के महीने में औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत...

More »

कॉप 27: 2022 के दौरान भारत के उत्सर्जन में हो सकती है 6 फीसदी की वृद्धि, चीन में आएगी गिरावट

 डाउन टू अर्थ, 14 नवम्बर  पिछले वर्ष की तुलना में इस साल वैश्विक उत्सर्जन में मामूली वृद्धि होने की आशंका है। वहीं सबसे ज्यादा वृद्धि भारत में देखने को मिल सकती है। यह जानकारी मिस्र के शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन पर चल रहे 27वें संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (कॉप 27) के दौरान जारी रिपोर्ट में सामने आई है। वहीं अमेरिका में  उत्सर्जन में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि होने का अनुमान...

More »

कॉप 27: उत्सर्जन में कटौती के लिए नाकाफी है भारत का अपडेटेड एनडीसी: रिपोर्ट

डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर भारत द्वारा राष्ट्रीय निर्धारित योगदान यानी एनडीसी में जो अपडेट किए हैं वो केवल कागजी शेर हैं। बल्कि वो पिछली प्रतिबद्धता की तुलना में उत्सर्जन को कम करने के लिए कहीं ज्यादा नाकाफी हैं। यह जानकारी जलवायु परिवर्तन पर मिस्र के शर्म अल-शेख में चल रहे संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 27वें सम्मेलन (कॉप 27) में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। इस बारे में क्लाइमेट एक्शन...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close