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किसानों को चाहिए साहसिक सुधार-- आलोक रंजन

देश के ज्यादातर राज्य गंभीर कृषि संकट की गिरफ्त में हैं। किसानों का असंतोष व उनकी बेचैनी दिनोंदिन आक्रामक होती जा रही है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में जो कुछ हुआ, वह हमारे नीति-नियंताओं के लिए एक झकझोर देने वाला वाकया था। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उनकी आमदनी नहीं बढ़ रही है। दालों और...

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पिछले साल की तुलना में खतरनाक हुआ डेंगू, बढ़े 11,832 मामले

नई दिल्ली। देश में पिछले साल की तुलना में साल 2017 में डेंगू के 11,832 मामले अधिक दर्ज किए गए हैं। वेक्टर से पैदा होने वाली बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 46 हो गई है, जो पिछले साल की तुलना में 11 अधिक है। नेशनल वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के निदेशालय के मुताबिक, 30 जुलाई 2016 तक देश में कुल डेंगू के मामले 16,870 थे और साल...

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बैंकों से दिए जा रहे कर्जे में कमी के संकेत-- आर बी आई के नये आंकड़े

पिछले एक साल में देश में बैंक ऋण में बढ़वार कम हुई है. यह अर्थव्यवस्था के लिहाज से एक खराब संकेत हो सकता है.   बीते माह जारी रिजर्व बैंक के आंकड़ों और प्रेस विज्ञप्ति से पता चलता है कि 26 मई 2017 तक सकल बैंक ऋण की सालाना बढ़वार 3.5 फीसद रही जबकि 27 मई 2016 को बैंक ऋण की सालाना बढ़वार की दर 8.0 प्रतिशत थी.   गौरतलब है कि जीडीपी और जीवीए(ग्रास वैल्यू एडेड) के...

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इस साल खरीफ फसल के बंपर उत्पादन होने के आसार

वाशिंगटन/नयी दिल्लीः बीते 15 दशक में एेसा पहली बार हुआ है, जब देश में खासकर उत्तर-मध्य भारत में माॅनसून मजबूत हुआ है. इसके साथ ही, देश में माॅनसून मजबूत होने से खरीफ फसलों के बंपर उत्पादन की उम्मीद काफी बढ़ गयी है. अमेरिका की प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं की रिपोर्ट को मानें, तो पिछले 15 वर्षों में उत्तर मध्य भारत में माॅनसून मजबूत हुआ है. यह अध्ययन...

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महसूस क्यों नहीं हो रहे अच्छे दिन-- आर सुकुमार

इस समय भारत के आर्थिक माहौल के बारे में दो प्रतिस्पद्र्धी कहानियां हैं। दोनों की प्रकृति भले ही एक-दूसरे से अलग हो, लेकिन हैं दोनों सही। जेपी मॉरगन के मुख्य अर्थशास्त्री साजिद जेड चिनॉय की इन्हीं पंक्तियों के साथ आज मैं अपनी बात शुरू करना चाहता हूं। चिनॉय का यह लेख 19 जुलाई को मिंट में प्रकाशित हुआ था। शीर्षक था- इंडियन इकोनॉमी : अ टेल ऑफ टू नैरेटिव्स। जिन पाठकों...

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