मैनपुरी। वैश्विक बाजारीकरण के उस्ताद चीन ने अब भारतीय खेतों की सफेद चांदी कहे जाने वाले लहसुन को भी झटका देना शुरू कर दिया है। चाइनीज लहसुन ने मंडी में ऐसा चक्कर चलाया कि लहसुन के दाम 20 हजार से गिर कर 14 हजार पर आ गए। करोड़ों के घाटे ने व्यापारियों की हालत खराब कर दी है। चाइनीज लहसुन के अवैध आयात को रोकने के लिए व्यापारी अब सड़क पर उतर...
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ग्रामीण गरीबी रिपोर्ट 2011
जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...
More »मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी का गड़बड़झाला
क्या मनरेगा को जस का तस छोड़ा जा सकता है? मनरेगा के मामले में नागरिक-संगठन आखिर इतना हल्ला किस बात पर मचा रहे हैं? क्या ग्रामीण इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता बहुत ज्यादा की मांग कर रहे हैं? क्या यूपीए- II वह सारा कुछ वापस लेने पर तुली है जो यूपीए- I ने चुनावों से पहले दिया था? चुनौती सामने है, मनरेगा गहरे संकट में है। अरुणा राय और ज्यां द्रेज सरीखे...
More »खाद्य सुरक्षा- अधूरी पहल
महीनों की बातचीत के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की सिफारिश कर दी है। यह बिल मुख्य अनाज के लिए आम लोगों के कानूनी अधिकार को पहले सोचे गए स्तर से भी नीचे ला देता है। और इस तरह परिषद ने भूख समाप्त करने के लिए सर्वजनीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से संगठित प्रयास शुरू करने का ऎतिहासिक अवसर खो दिया है। भारत में अनाज...
More »अब दलहन की पैदावार बढ़ाए जाने पर जोर
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत खाद्यान्न उत्पादन बढऩे के लिए चालू वित्त वर्ष में 30 सितंबर तक केंद्र सरकार 787 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। गेहूं का उत्पादन तय लक्ष्य से ज्यादा हो रहा है जबकि चावल का उत्पादन बढ़कर चालू सीजन में तय लक्ष्य पूरा होने की संभावना है। इसीलिए अब दालों के उत्पादन को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसीलिए सबसे ज्यादा आवंटन...
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