मुरैना. तिंदोखर गांव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी। प्रशासन गांव में गंदगी का बहाना बनाकर, दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बचाने में लगा हुआ है। मध्याह्न् भोजन खाने वाले बच्चे एवं रसोइये ही आखिर क्यों बीमार पड़े, अन्य लोग क्यों नहीं? गिनती के आते हैं बच्चे घटना के बाद जिला प्रशासन ने यह दावा किया है कि प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र में क्रमश: 196,...
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पांचवी के बच्चों को नहीं आता दूसरी कक्षा का पाठ पढना
रायपुर.राज्य में शिक्षा की कई योजनाओं के लागू होने के बावजूद पढ़ाई में काफी कसर बाकी है। वर्ष 2010 में स्कूलों में एक फीसदी ड्रॉपआउट बढ़ा है। पहली के 20 फीसदी बच्चे अक्षर नहीं पहचाते और पांचवीं के 61.6 प्रतिशत बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ भी नहीं पढ़ पाते। प्रदेश में सरकारी स्कूलों को मिलने वाले अनुदान का भी समुचित उपयोग नहीं हो रहा है। बच्चों व शिक्षकों...
More »एक समान शिक्षा का विकल्प शिरीष खरे
‘स्कूल चले हम’ कहते वक्त अलग-अलग स्कूलों में पल रही गैरबराबरी पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता. एक ओर जहां क, ख, ग लिखने के लिए ब्लैकबोर्ड तक नही पहुंचे हैं, वहीं दूसरी तरफ चंद बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मंहगी ईमारत, अंग्रेजी माध्यम और शिक्षा की जरूरी व्यवस्थाओं का फायदा उठा रहे हैं. केन्द्रीय कर्मचारियों के बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय हैं, सैनिको के बच्चों के लिए सैनिक स्कूल हैं, तो...
More »ठंड से आधा गांव बीमार
जबलपुर. ठंड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनजीवन किस हद तक अस्त-व्यस्त हो चला है, इसकी बानगी शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम रैगवां में देखने को मिलती है, जहां मौसम की मार के चलते ग्रामीणजन न तो चैनपूर्वक जी पा रहे हैं और न ही ठीक तरह से अपने दैनिक कार्य निपटा पा रहे हैं। पूरा क्षेत्र भीषण ठंड की चपेट में है एवं बच्चों से लेकर...
More »माताओं-शिशुओं की देखभाल को ई-महतारी योजना
रायपुर। छत्तीसगढ़ में माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए ई महतारी योजना शुरू की जा रही है, जिसके तहत राज्य में माताओं और शिशुओं की जानकारी की प्रणाली हाईटेक हो जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल की प्रणाली को हाईटेक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग...
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