यह आम बजट आम आदमी का बजट है. बहुत ही अच्छा बजट है. सरकार ने इस बजट में गांव में रहनेवाले आम आदमी को राहत पहुंचाने का काम किया है. अब तक होता यह रहा है कि फायदा तो आम आदमी को जरूर पहुंंचता था, लेकिन उसका ज्यादातर लाभ शहरी आम आदमी उठा ले जाते थे. लेकिन, इस बार सरकार ने इस पर खास ध्यान रखा है. सरकार ने कृषि...
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ग्रामीण भारत को ‘मेगा पुश’- प्रमोद जोशी
मोदी सरकार ने चार राज्यों के चुनाव के ठीक पहले राजनीतिक जरूरतों का पूरा करनेवाला बजट पेश किया है. इसमें सबसे ज्यादा जोर ग्रामीण क्षेत्र, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों पर है. राजकोषीय घाटे को 3.5 प्रतिशत रखने के बावजूद सोशल सेक्टर के लिए धनराशि का इंतजाम किया गया ोहै. अजा-जजा उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन कार्यक्रम भी इसका संकेत देते हैं. बजट का संदेश है कि अमीर ज्यादा...
More »छत्तीसगढ-- सूखा प्रभावित किसानों को बोवनी के लिए बंटेगा धान
जिले के सूखा प्रभावित किसानों के लिए राहत भरी खबर है कि कृषि विभाग सूखा प्रभावित सीमांत एवं लघु किसानों को बोनी करने रकबा के हिसाब से धान का वितरण करेगा। इसके लिए कृषि विभाग ने कृषकों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल माह में उन्हें अनाज वितरीत किया जाएगा। बरमेकला ब्लॉक अंतर्गत जीरापाली, सांकरा और भकुर्रा ग्राम को इस साल सूखा घोषित...
More »किसानों के मन का बजट-- के सी त्यागी
बजट का इंतजार सबको है। खासकर ग्रामीण और कृषक वर्गों में इसकी बेसब्री ज्यादा है। उनके लिए यह बजट ‘रक्षक' या ‘भक्षक' की भूमिका निभाने वाला होगा, क्योंकि पिछले दो बजट में किसानों के लिए कुछ खास नहीं था। आम चुनाव के दौरान किए गए वादों ने उनमें खासा उत्साह भरा था, लेकिन धरातल अनछुआ रह गया। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने की...
More »काला धन वापस लाने की दिशा में आगे बढ़ें-- कृष्णमूर्ति सुब्रमनियन
भारतीय कंपनियों ने दुनियाभर के टैक्स हैवन यानी भारी कर रियायतें देने वालेे वाले देशों में काफी पैसा छिपा रखा है। 2012-13 से भारतीयों ने 31,000 करोड़ रुपए से ज्यादा सिंगापुर में निवेश किए हैं। नीदरलैंड्स को भी बहुत पसंद किया जाता है। वहां 2013-14 में 11,330 करोड़ लगाए गए। सत्ता में आने के पहले भाजपा के प्रमुख वादों में काले धन को वापस लाने का वादा भी था। इस...
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