देहरादून। केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड राज्य में खाद्यान्न की जरूरतों को देखते हुए 13 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त गेहूं देने का फैसला किया है। राज्य के खाद्य मंत्री दिवाकर भट्ट ने आज यहां बताया कि प्रदेश की जनता खाद्यान्न की समस्या को लेकर लगातार जूझ रही है और अभी भी राज्य को 11 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त गेहूं की जरूरत है। राज्य को अभी आंशिक सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि निर्धारित कोटे...
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मनरेगा: सीमांत कृषकों को तोहफा
देहरादून। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत अब सीमांत एवं लघु किसान अपनी भूमि पर सिंचाई, उद्यानीकरण, पौधरोपण एवं भूमि विकास संबंधी कार्य कर सकेंगे। योजना में अनुसूचित जाति,जनजाति एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना फिलहाल चार ब्लाकों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है। एफआरडीसी सुभाष कुमार ने सचिव ग्राम्य विकास, कृषि तथा समस्त जिलाधिकारियों को इस संबंध में...
More »बस्तर के निर्धन परिवारों की आमदनी बढ़ाने की कोशिश
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग केआदिवासी परिवारों की मासिक आमदनी पांच हजार रुपए तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। अधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में गरीबी रेखा श्रेणी के 50 हजार परिवारों को हर महीने कम से कम पांच हजार रुपए की आमदनी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक तैयारियां शुरू की गई है। इन परिवारों को विभिन्न रोजगारमूलक योजनाओं में शामिल...
More »मध्याह्न भोजन के नाम पर लाखों का घोटाला
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश में मध्याह्न भोजन के नाम पर लाखों रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भ्रष्ट तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री कैप्टन जयपाल सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने भीषण गर्मी के कारण प्रदेश के समस्त विद्यालयों में एक मई से 30 जून तक ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया है। प्रदेश...
More »बंजर भूमि पर किसान उपजा रहे सोना
मगध (गया/औरंगाबाद/नवादा/जहानाबाद)। कृषि क्षेत्र में भी राज्य सरकार की पहल अब रंग लाने लगी है। मगध प्रमंडल के कृषकों को बेहतर उत्पादन के गुर सिखाए जा रहे हैं। बदलते परिवेश में विशेषकर मौसम के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए फसलों के उत्पादन एवं इकाई क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किस्मों का चुनाव, समय से बोआई, नराई-गुहाई, तृण-नियंत्रण, निर्धारित समय पर उचित मात्रा में जैविक एवं रासायनिक उर्वरकों का व्यवहार, सिंचाई की उचित व्यवस्था, कीट...
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