पटना किसानों को चार प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देने की योजना लागू कर दी गयी है। अगर किसान निर्धारित समय सीमा के अन्दर अपना ऋण बैंक को वापस करते हैं तो उन्हें चार प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्रदान किया जायेगा। ये बातें सोमवार को कृषि विभाग की ओर से वेटेनरी कालेज मैदान में आयोजित कृषि मेला में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहीं। श्री मोदी ने कहा कि किसानों को अल्प ब्याज दर...
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'जो इनसान हैं वे हमारा समर्थन करेंगे, राक्षस नहीं'
बालियान खाप के चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत, रेयाज उल हक को बता रहे हैं कि सगोत्र में शादी की इजाजत देना उनकी नस्ल पर हमला है. अब तो केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने की मांग पर गौर नहीं करेगी. खाप पंचायतें अब क्या करेंगी? सरकार ने तो बोल दिया है, लेकिन जनता न तो चुप बैठेगी न भय खाएगी. जो...
More »नहीं बसा कलाम के सपनों का गांव
पटना ग्रामीण क्षेत्र में शहरी सुविधा प्रदान करने की जिस 'पूरा' योजना (प्रोविजन आफ अर्बन फैसलिटी इन रूरल एरिया) की परिकल्पना राष्ट्रपति एपीजे अबुल कलाम ने की थी, वह सात साल बाद भी अधूरी है। इस योजना के क्लस्टर के रूप में केंद्र सरकार ने मोतीपुर का चयन किया था। यहां फल-सब्जी के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने, गांव में विद्युत आपूर्ति करने के साथ ही वे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनी थी, जो शहरी...
More »त्वरित सिंचाई ने लगाया पैबंद
नई दिल्ली [आशुतोष झा]। बिहार के विकास के मखमली दावों पर त्वरित सिंचाई कार्यक्रम ने टाट का पैबंद लगा दिया है। कई दूसरे क्षेत्रों में हो रहे विकास से सहमत केंद्र सरकार को राज्य में त्वरित सिंचाई की धीमी गति ने निराश कर दिया है। चार साल के लक्ष्य के साथ शुरू होने वाले कार्यक्रम दशकों से पूरे नहीं हो सके हैं। राज्य सरकार इस मद में उपलब्ध 1265 करोड़ रुपए के मुकाबले सिर्फ 165 करोड़...
More »कागजों में पक रहे पोषाहार के दाने
जोधपुर. राज्य सरकार ने भले ही गर्मी की छुट्टियों में ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत पोषाहार खिलाने का आदेश कर दिया हो, लेकिन हकीकत में बच्चे पोषाहार खाने आ ही नहीं रहे हैं, जबकि शिक्षक कागजों में विद्यार्थियों की 50 से 80 फीसदी उपस्थिति बताकर स्कूलों में खाना बना रहे हैं। अकाल की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को सभी सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश...
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