विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »SEARCH RESULT
पीपीपी से सावधान -योगेश दीवान
भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...
More »अब अधिक धन प्राप्त कर रहे हैं किसान
नई दिल्ली। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि गेहूं और धान के खरीद मूल्य में वृद्धि के बाद किसानों के हाथ में अब अधिक पैसा पहुंच रहा है। पवार ने कहा कि हमें लोगों को बताना है कि किसानों के हाथ में अधिक पैसा जा रहा हैं। गेहूं के खरीद मूल्य को 500 रुपये से बढाकर 1100 रुपये और धान के खरीद मूल्य को 490 रुपये से बढ़ाकर 1000...
More »नैफेड पर लगाम कसने की तैयारी में सरकार
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी खरीद एजेंसी नैफेड की 'मनमानी' पर अंकुश लगाने के लिए कृषि मंत्रालय ने लगाम कसनी शुरू कर दी है। अब यह सरकार के लिए सिर्फ तिलहन व दलहन की ही खरीद कर सकेगी। इसके इतर उसके अन्य कारोबार करने पर बंदिश लगाने की तैयारी कर ली गई है। कृषि मंत्रालय ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है। इसे जल्दी ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के...
More »छाया रहेगा खाद्य सुरक्षा विधेयक
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गरीबों को तीन रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं व चावल देने की कांग्रेस की चुनावी घोषणा को कानूनी रूप देने से पहले सरकार इसका पूरा श्रेय पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को देना चाहती है। इसीलिए इस अहम मसले पर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की राय मांगी गई है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली एनएसी की एक जुलाई को होने वाली पहली बैठक में खाद्य...
More »