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प्रधानमंत्री ने बोरलॉग के निधन पर शोक जताया

प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, "डॉ़ नॉर्मन बोरलॉग के निधन से एक युग का अवसान हो गया है, जिसमें उन्होंने कृषि में वैज्ञानिक क्रांति का सूत्रपात किया। साठ के दशक में जब देश भोजन की गंभीर कमी से जूझ रहा था उस समय डॉ़ बोरलॉग के उच्च उपज वाले बीजों के आने से भारतीय कृषि में प्रौद्योगिकीय क्रांति का पदार्पण हुआ जिससे देश को अनाज के मामले में...

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चावल आयात को कर मुक्त बनाएगी सरकार

नई दिल्ली : देश के करीब आधे हिस्से के सूखे की चपेट में आने के बाद खाद्यान्न की सप्लाई के मोर्चे पर सरकारी सतर्कता बढ़ती दिख रही है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने चावल पर आयात शुल्क खत्म करने का मन बना लिया है ताकि घरेलू बाजार में इसकी सप्लाई बढ़ाई जा सके। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि खाद्य मामलों पर वित्त मंत्री...

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दुष्काल, अकाल, सूखा सबके जिम्मेवार हम ही

आने वाले 15 वर्षों में भारत के खाद्यान्न का कटोरा अर्थात पंजाब और हरियाणा सूखाग्रस्त हो जाएंगे। वहां की धरती में सिंचाई के लिए पानी नहीं रह जाएगा। केंद्रीय भूमिगत जल बोर्ड की 2007 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2025 में सिंचाई के लिए भूमिगत जल उपलब्धता ऋणात्मक हो जाएगी। उदाहरण के लिए पंजाब में जितना जल जमीन में समाता है उससे 45 प्रतिशत अधिक जल खींच लिया जाता...

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इस सूखे में संभावना

इस साल के सूखे ने एक बार फिर ध्यान दिलाया है कि देश के जिन इलाकों में सिंचाई के साधनों के टोटे हैं वहां चावल और गेंहूं जैसे पेट भर पानी पीकर लहलहानी वाली फसलों के बजाय मोटहन मसलन-ज्वार-बाजार,मरुआ-मसुरिया जैसी फसलों को उपजाने की जरुरत है क्योंकि इन फसलों को पानी की कम जरुरत होती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश की कुल ७० फीसदी कृषि भूमि सिंचाई के लिए...

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आँकड़ों में गांव

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अपने 77वें दौर के सर्वेक्षण के आधार पर 10 सितंबर, 2020  को 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019' नामक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट 1 जनवरी, 2019 से 31 दिसंबर, 2019 के बीच किए गए एनएसओ के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित है. इस अवधि के दौरान एनएसओ द्वारा 45000 से अधिक कृषि परिवारों का...

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