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बिहार के एक गांव की सभी महिलाएं निरक्षर

जमुई [जागरण संवाददाता]। बिहार में जमुई जिले के गांव सिरसिया की सभी महिलाएं न केवल निरक्षर हैं बल्कि सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से भी अनभिज्ञ हैं। गांव के 90 फीसदी पुरुष भी निरक्षर हैं। गांव में केवल 12 पुरुष ही साक्षर हैं, वे भी मैट्रिक पास नहीं है। सिरसिया गांव की यह दशा सूबे में साक्षरता अभियान की उपलब्धियों पर प्रश्न चिह्न लगाने के लिए काफी है। जिला मुख्यालय से 30 किमी की...

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राष्ट्रीय शिक्षा वित्त निगम बनेगा हकीकत

नई दिल्ली। धनाभाव के कारण उच्च शिक्षा से वंचित मेधावी छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए 'राष्ट्रीय शिक्षा वित्त निगम' की स्थापना के प्रस्ताव को योजना आयोग का सहयोग हासिल हो गया है और अब इस विषय पर वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा की जानी है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए सस्ती ऋण सुविधा प्रदान करने के संबंध में 'राष्ट्रीय शिक्षा...

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तेरह हजार बाल श्रमिकों की पढ़ाई को 244 शालाएं

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सात जिलों में बाल श्रमिकों के लिए 244 बाल श्रम शालाएं संचालित की जा रही है जिसमें लगभग 13 हजार बाल श्रमिक अध्ययन कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ के सात जिलों में बाल श्रम प्रथा को खत्म करने और इसके विरुद्ध जन-जागरण के लिए 244 बाल श्रम शालाएं संचालित की जा रही हैं। इन शालाओं में खतरनाक और अस्वास्थ्यकर कार्यो से मुक्त कराए गए बच्चों...

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करोड़पति हैं, इसलिए कानून पर भी भारी हैं!

लखनऊ [राजेंद्र कुमार]। उनकी जितनी आय नहीं है, उससे ज्यादा की सम्पत्ति के वे मालिक हैं। अब जैसे लखनऊ विकास प्राधिकरण में एक बाबू हैं, वह हीरो होंडा कार के मालिक तो हैं हीं उनके पास लखनऊ में विकास प्राधिकरण के आधा दर्जन से ज्यादा प्लाट हैं जिनकी कीमत करोड़ में पहुंच चुकी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एक बाबू की हैसियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि लखनऊ...

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जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे

एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...

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