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गरीबी और प्रधानमंत्री मोदी- विकास नारायण राय

जनसत्ता 30 मई, 2014 : भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता के बाद मोदी ने संसद के केंद्रीय हाल से संबोधन में अपनी सरकार को गरीबों, युवाओं और स्त्रियों को समर्पित करार दिया। कॉरपोरेट जगत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चहेते ‘चायवाले’ के लिए इस दिखावे को अधिक दिनों तक निभाना टेढ़ी खीर ही होगी। गरीबों को लेकर मोदी का नवउदारवादी ट्रैक रिकार्ड सर्वाधिक संदेहास्पद रहा है।...

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विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह

जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...

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झारखंड में मानव तस्करी और पलायन बड़ी समस्या

रांची: कैंपेन फॉर राइट टू एजुकेशन इन झारखंड और चाइल्ड रिलीफ एंड यू द्वारा झारखंड में बाल तस्करी की रोकथाम विषय पर राज्यस्तरीय परामर्श का आयोजन एसडीसी में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सीआइडी आइजी संपत मीणा ने कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चों का पलायन और ट्रैफिंकिंग बड़ी समस्या है़.  इससे बचने के लिए जागरूकता जरूरी है़  रोजगार के लिए गांव से बाहर जाने वालों का...

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लड़कियों को बचाने वाले पिता को सलाम- क्षमा शर्मा

सत्तरह साल की वह किशोरी पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले में रहती थी। उसने दसवीं का इम्तिहान दिया था। उसकी दोस्ती एक लड़के से थी। एक दिन जब वह स्कूल से बैंक जा रही थी, रास्ते में उसे वही लड़का मिला। वह उसे अपने साथ ले गया। जब वे रेलवे स्टेशन पहुंचे, तो लड़की को कुछ शक हुआ। उसने भागना चाहा, मगर लड़के ने उसे जबर्दस्ती एक गाड़ी में अपने साथ...

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नई ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर में- गौतम घोष

जल्दी ही हम नई सरकार चुन लेंगे और देश का अगला प्रधानमंत्री भी। धूमधाम से मतदान का लोकतांत्रिक पर्व निपट जाएगा। आजादी के 67 वर्षों बाद भी हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। यह गर्व की बात है। पर आज हमारे सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। हम देशवासियों के सामने प्रश्न खड़ा है कि सिर्फ सांविधानिक अधिकारों के प्राप्त हो जाने से ही हमारा संविधान और लोकतंत्र सफल मान लिया...

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