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शिक्षा का अधिकार कानून लागू कराने एक लाख अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता

भोपाल. स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने कहा है कि नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू कराने के लिए एक लाख 3 हजार 687 अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता का आंकलन प्रदेश सरकार ने किया है। अकादमिक प्राधिकारी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित योग्यता होगी। परिषद द्वारा शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता का निर्धारण किया जा चुका है और उसके अनुसार प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए...

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टीचर बनने के लिए देना होगी परीक्षा- अनुराग शर्मा

भोपाल। अब सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने वालों को ही शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। ये परीक्षा डीएड, बीएड और एमएड करने वालों को भी देनी होगी। नौकरी पाने के लिए इस परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। परीक्षा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होगी। शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत देशभर में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यह...

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निजी स्कूलों में गरीबों के लिए 25 फीसदी सीटें रिजर्व

जयपुर. निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर गरीबों के बच्चों को प्रवेश और शिक्षा देना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान राजस्थान निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के प्रारूप में शामिल किया गया है। कैबिनेट की मंगलवार को यहां हुई बैठक में नियम के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही ऊर्जा संरक्षण भवन दिशा-निर्देशों से संबंधित अधिसूचना को भी अनुमोदित किया गया और वाद करण नीति को...

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कैपिटेशन फीस लेने पर समाप्त होगी स्कूल की मान्यता

नई दिल्ली। बच्चों के दाखिले के लिए किसी स्कूल ने कैपिटेशन फीस या डोनेशन [दान] लेने की कोशिश की तो उसकी मान्यता खत्म की जा सकती है। स्कूलों में व्याप्त इस बुराई को दूर करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड [सीबीएसई] स्कूलों के संबद्धता के नियमों में संशोधन किया है, जिसके अनुसार स्कूल में एडमिशन के लिए धन लेने पर मान्यता रद कर दी जाएगी। संशोधित संबद्धता नियमों के अनुसार,...

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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी

सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...

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