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अपनी हदों में रहें तो ही बेहतर - शंकर शरण

इधर न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच विवाद की खबरें लगातार आ रही हैं। वित्त मंत्री ने संसद में कहा न्यायपालिका इतना हस्तक्षेप कर रही है कि लगता है कार्यपालिका के पास बजट पास करने के सिवाय कोई काम नहीं बचेगा। न्यायपालिका हर बात में घुसपैठ करती रहती है। इसके बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि न्यायाधीशों की कई टिप्पणियां बेमतलब होती हैं। इसके बाद एक और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी...

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समझ, संकल्प और इच्छाशक्ति का अकाल : योगेन्द्र यादव

वो गांव गये थे..दावा है कि गांव-गांव यात्रा किये हैं..खेत-खेत, आरी-डरेड़ा सब जगह घूमें। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि देश सूखे से बेहाल और सरकार दो साल के जश्न में निहाल है। उनका दावा है कि अभी दिल दिमाग जाग्रत है माने नहीं सूखा..भले ही खेत सूख गये हों..किसान बदहाल हो..आत्महत्या कर रहा हो। जी हां मैं बात कर रहा हूं स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और उनके साथियों की...

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23 साल बाद निर्दोष साबित हुए निसार ने कहा, अब जिंदा लाश हूं

नयी दिल्ली : निसारउद्दीन अहमद की उम्र तब 20 साल थी जब उसे पुलिस ने ट्रेन बम धमाके के आरोप में गिरफ्तार किया. अदालत में उस पर कई आरोप लगे. 23 साल जेल में रहने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे 17 दिनों पहले रिहा किया है. अब निसार की उम्र 43 साल है. निसार ने निर्दोष होते हुए भी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दौर या यूं कहें पूरी...

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पिछले 16 साल से कोई भी SC नहीं बना सुप्रीम कोर्ट का जज

भारत के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश केजी बालाकृष्णन के 11 मई, 2010 को रिटायर होने के बाद, अनुसूचित जाति के किसी भी जज को सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बनाया गया है। साथ ही, वर्तमान के सभी हाईकोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीशों में कोई भी अनुसूचित जाति से नहीं है, जबकि देश की कुल जनसंख्‍या का 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति में आता है। अनसूचित जनजातियों की स्थिति भी ऐसी ही है। पिछले...

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अदालत ने मेरी आजादी तो लौटा दी, जिंदगी कौन लौटाएगा ?

वह ठीक से चल नहीं पाते थे, ना ही ढंग से सो पाते थे। पिछले 23 सालों से निसार जेल में यही करते रहे थे, 17 दिन पहले उन्‍हें जयपुर जेल से रिहा कर दिया। बाहर निकलते ही निसारउद्दीन अहमद ने देखा तो उनके बड़े भाई जहीरउद्दीन अहमद उनका इंतजार कर रहे थे। निसार कहते हैं, मैंने अपने पैरों में भारीपन महसूस किया। कुछ पल के लिए मैं भूल ही...

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