दिल्ली में सत्ता के गलियारों में खुसर-फुसर चल रही है. एक विधवा साठ पेज का बम लेकर घूम रही है. धुआं निकल रहा है. न कोई अपनी आंख हटा पा रहा है. न ही कोई छूने की हिम्मत कर रहा है. हर कोई सोच रहा है कि बम फटेगा तो किसका नंबर आयेगा. ईटानगर हो या दिल्ली, सरकार हो या न्यायपालिका, किसी से भी अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री...
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कोर्ट ने दिल्ली और केन्द्र के बीच चल रहे शासन विवाद को संविधान पीठ को सौंपा
उच्चतम न्यालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ आप सरकार की याचिकाओं को आज संविधान पीठ को सौंप दिया जिसमें कहा गया है कि दिल्ली एक राज्य नहीं है और इसका प्रशासनिक मुखिया उपराज्यपाल है। न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल की पीठ ने कहा कि इस मामले में कानून और संविधान से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल निहित हैं और इसलिए इसका निर्णय संविधान पीठ...
More »वित्त मंत्री जेटली ने माना, नोटबंदी से कम हुआ देश का इंडस्ट्रीयल प्रॉडक्शन
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माना कि नवंबर व दिसंबर के आंकड़ों को मौजूदा साल के औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति का मानक नहीं मान सकते, क्योंकि ये दोनों माह नोटबंदी के रहे हैं। दिसंबर में पुराने प्रतिबंधित नोटों के नहीं चलने से स्थिति और बिगड़ी। हमें लगता है कि अगले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था के विस्तार के और सटीक आंकड़े सामने आएंगे। देश के उद्योग धंधों की स्थिति इस...
More »आखिर कब मिलेगा न्याय!-- आकार पटेल
वर्ष 1984 में हुए सिख-विरोधी नरसंहार के पीड़ितों और भुक्तभोगियों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार कितनी गंभीर है? यह ऐसा प्रश्न है, जिसे जानने के लिए सभी भारतीयों को उत्सुक होना चाहिए, क्योंकि इससे यह बात स्पष्ट हो जायेगी कि इस देश में बड़े पैमाने पर होनेवाली हिंसा के मामले में पीड़ितों को कभी न्याय मिल पायेगा या नहीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मचे...
More »निजी निवेश में सुधार से बनेगी बात - राजीव चंद्रशेखर
बजट 2017 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और इसे लेकर उत्सुकता का भाव इतना अधिक है, जितना शायद मोदी सरकार के 2014 में आए पहले बजट के समय भी न रहा हो। यह बजट नोटबंदी के बाद और मोदी सरकार के सत्ता में आने के तकरीबन तीन साल पूरे होने के अवसर पर पेश होने जा रहा है। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बेहद विषम परिस्थितियों में...
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