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डरबन से क्या हासिल हुआ- अजय झा

जनसत्ता 20 दिसंबर, 2011: डरबन में जलवायु संकट पर अपने निश्चित समय से छत्तीस घंटे देर तक चली अंतरराष्ट्रीय शिखर वार्ता की सबसे खास बात यह थी कि किसी भी महत्त्वपूर्ण पहलू पर समझौता हुए बिना इसके परिणाम को एक बड़ी कामयाबी की तरह पेश किया गया। बकौल आयोजक और विकसित देश, समझौता अत्यधिक सफल रहा। मंत्री मशाबेन, जो कि वार्ता की अध्यक्ष थीं, ने पिछली अध्यक्ष मैक्सिको की पैट्रीशिया...

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संभावना का परिसर

जनसत्ता 18 दिसंबर, 2011 : बहुत दिनों से जलगांव में बन रहे ‘गांधी शोध संस्थान’ के बारे में सुन रहा था। इसे देखने-समझने और जो लोग इसके पीछे हैं उनसे मिलने की इच्छा और उत्सुकता थी। पर मैं इन लोगों को नहीं जानता था, इसलिए संकोच होता था। पर आखिरकार जलगांव जाने का मौका मिल ही गया। वहां एक बडेÞ उद्योगपति हैं भंवरलाल जैन, जिन्होंने टपक-सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) के क्षेत्र में...

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जन विरोधी ऊर्जा का उत्पादन मत कीजिए - भरत झुनझुनवाला -

तमिलनाडु में कुडनकुलम में बन रहे परमाणु संयंत्र का स्थानीय जनता विरोध कर रही है. महाराष्ट्र में अल्फ़ांसो आम के क्षेत्र में बनने वाले जैतापुर परमाणु संयंत्र का किसान विरोध कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने पूरबा मेदनीपुर में बनने वाले रूसी परमाणु संयंत्र पर रोक लगा दी है. जर्मनी ने निर्णय लिया है कि 2022 तक देश में सभी परमाणु संयंत्र को बंद कर दिया जायेगा. लेकिन, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह परमाणु ऊर्जा...

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ऊंची वृद्धि दर के लिए बढ़ानी होगी ऊर्जा खपत: मनमोहन

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (एजेंसी) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि 12वीं योजना अवधि :2012-17: के दौरान नौ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को अपनी उर्च्च्जा खपत तेजी से बढानी होगी। वे यहां राष्ट्रीय उर्च्च्जा संरक्षण दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, े हमने 12वीं योजना के दौरान सकल घरेलू उत्पादन में नौ प्रतिशत सालाना वृद्धि का महत्वाकांक्षी...

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प्रतिरोध की राजनीति- सुनील खिलनानी

अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ ही हाल के दिनों में उभरे खनन विवाद, जमीन विवाद, परमाणु संयंत्र के खिलाफ माहौल या खाप पंचायत या गुर्जरों का क्षोभ जैसे दूसरे आंदोलन केवल सत्ता में स्थित खास पार्टी के खिलाफ चुनौती भर नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सरकारों की शासन की क्षमता पर सवाल उठाने से भी ज्यादा गहरे हैं। वस्तुतः वे हमारे राजनीतिक क्षेत्र की भावना को समय-समय पर अस्थिर...

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