दाउदनगर (औरंगाबाद) झारखंड के मजदूरों को राजनीति से कोई मतलब नहीं रह गया है। यहां जिनोरिया में कृषि कार्य करने पलामू और गढ़वा जिला से दर्जनों मजदूर आए है। उन्हे इससे भी कोई मतलब नहीं है कि झारखंड की राजनीति क्या हो रहा है। उन्हें बस अपने पेट की चिंता है। छतरपुर के रामपति भुईयां कहते है कि घर दुआर हइए नहीं है, खपरैल है, जैसे तैसे रहते है। चुआड़ी बनाकर बरसात का पानी पीते...
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भू-अधिग्रहण और पुनर्वास बिल का विरोध
भूमि अधिग्रहण (संशोधन) और पुनर्वास बिल को चालू संसदीय सत्र में पास पास करवाने की हड़बड़ी दिखाने के कारण यूपीए सरकार की भूरपूर आलोचना हो रही है।दोनों बिल को गरीबी-विरोधी माना जा रहा है क्योंकि इन बिलों के प्रावधानों से जाहिर होता है कि किसान अपनी जमीन से वंचित किए जायेंगे और इनका भारी संख्या में अपने वास स्थान से विस्थापन होगा। उपर्युक्त दोनों बिलों को पास करवाने की हड़बड़ी का...
More »गन्ना मूल्य को लेकर किसानों का भारी प्रदर्शन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई गन्ना मूल्य नीति के विरोध में गुरुवार को हजारों किसानों ने राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन किया। इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए जद यू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि सरकार जब तक इससे संबंधित अध्यादेश को वापस नहीं लेगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और संसद को नहीं चलने दिया जाएगा। इससे पहले हाथों में गन्ना लिए...
More »किसान संगठनों को नहीं मिल मालिकों पर भरोसा
रुड़की (हरिद्वार)। किसान संगठनों को मिल मालिकों पर भरोसा नहीं है। किसान नेताओं का कहना है कि अपनी गरज के लिए मिल मालिक गन्ना पेराई करने को कोई भी रेट देने की हामी भर सकते हैं, लेकिन बाद में वह भुगतान के समय किसान को कायदे-कानून बताकर अधर में छोड़ देंगे। पिछले कुछ सीजन ऐसे गुजरे कि मिल मालिकों व क्षेत्र के किसानों के संबंधों में खटास उत्पन्न हुई है।...
More »खाद संकट पर फूटा किसानों का गुस्सा
भोपाल । रायसेन जिले में खाद-बीज की इतनी मारामारी हो रही है कि इसको लेकर क्षेत्र के कृषकों ने मंडी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन तक कर चुके है। जिले के आला अधिकारी कृषकों को समझाइश के अलावा कुछ नहीं दे पा रहे है। क्षेत्र में खाद की कमी लम्बे अरसे से बनी हुई है, जिससे फसलें प्रभावित हो रही है। जिले के सुल्तानपुर व आसपास डीएपी की समस्या बनी हुई...
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