बेंगलुरु किताबों का शहर नहीं है। फिर भी यह मेरा शहर ही है, जहां से करीब 50 साल पहले एक किताब छपी थी, जिसे भारतीय समाज और राजनीति के हर विद्यार्थी को अनिवार्य रूप से पढ़ना चाहिए। यह किताब थी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक एमएस गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स, जिन्होंने संघ को न सिर्फ 30 वर्ष से ज्यादा वक्त तक नेतृत्व दिया, बल्कि आज भी संघ के लिए...
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जनधन योजना-एक प्रतिशत खातों को भी नहीं नसीब ओवरड्राफ्ट
जनधन योजना के तहत खुले 24.27 करोड़ खातों में से एक प्रतिशत को भी ओवरड्राफ्ट की सुविधा नहीं नसीब है। दो साल पूरे कर चुकी योजना में महज 21.58 लाख लोगों को करीब 289 करोड़ रूपये का ओवरड्राफ्ट मिला है, जो औसतन 1300 रूपये के करीब है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरूआत करते वक्त कहा था कि खाताधारक को बैंक से 5000 रुपये तक का कर्ज...
More »11 साल बाद यूपी के इस गांव में फिर पहुंची बिजली
उत्तर प्रदेश के एक गांव में मंगलवार (13 सितंबर) को पूरे 11 साल बाद बिजली आ सकी। जिस गांव में पिछले 11 साल से बिजली नहीं थी उसका नाम बिधिया है। वह एटा जिले में पड़ता है। इस गांव में बिजली लाने का श्रय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तो जाता ही है लेकिन साथ-साथ इसमें वहां रहने वाली एक लड़की का भी बहुत योगदान है। दरअसल, 23 साल की दीप्ति...
More »प्रधानमंत्री जी को लिखा पत्र, हमारे स्कूल में थालियां कम है
रायसेन। ''प्रधानमंत्री जी, हमारे स्कूल में थालियां कम हैं,एक बार में सभी बच्चे खाना नहीं खा पाते' मन बात का उल्लेख जिले की गैरतगंज तहसील के गैरतपुर के कक्षा 8वीं के छात्र गणेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक माह पूर्व लिखे गए पत्र में किया था। बच्चे का पत्र मिलते ही पीएमओ से जब जिला अधिकारियों को पत्र मिला तो आनन-फानन में स्कूल में सौ थालियों की व्यवस्था कर...
More »असमानता की जड़ें-- सतीश सिंह
सरकार चाहती है कि देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो, लेकिन वह बैंकों की सेहत सुधारने की दिशा में ठोस पहल नहीं कर रही है। मजबूत अर्थव्यवस्था की रीढ़ बैंकिंग क्षेत्र को माना गया है। अर्थव्यवस्था को बैंकों की मदद से ही संतुलित रखा जा सकता है। बैंकों की सकारात्मक भूमिका के बिना वित्तमंत्री देश के विकास के सपने को साकार नहीं कर सकते हैं। संपत्ति शोध कंपनी ‘न्यू...
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