मेरा शहर निहायत बदसूरत है। एक ऐसा शहर जहां पेड़-पौधे नहीं हैं, बाग नहीं हैं और जहां मौसम का फर्क सिर्फ आसमान में नजर आता है। उसके बावजूद कुछ है जिसने घोर दुखों के बीच जीवन को बनाए रखा है, सपने मरने नहीं दिए और जिसने लजाते सौंदर्य का उसकी खोह तक पीछा किया। सबसे अहम बात है जिंदगी के पक्ष में खड़ा रहना, अपनी दुनिया की बेहतरी के लिए...
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विज्ञान से अछूते क्यों रहें हमारे गांव? - डॉ. अनिल प्रकाश जोशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों गांवों की बदलती तस्वीर में वैज्ञानिकों की भूमिका पर टिप्पणी कर देश में संस्थानों के दायित्वों की तरफ अहम इशारा किया है। यह बात पूरी तरह सच है कि ये संस्थान इस देश को इंडिया बनाने में ज्यादा चिंतित रहे, न कि भारत। आज भी हमारे देश का बड़ा हिस्सा गांवों में ही बसता है। साढ़े छह लाख गांवों में देश की 70 प्रतिशत...
More »दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...
More »जनधन इफेक्ट : रूपे कार्ड के लिए बनेंगी टेस्टिंग लैब, सरकार देगी सर्टिफिकेट
नई दिल्ली। जनधन खातों के तहत जारी होने वाले रूपे कार्ड के लिए टेस्टिंग लैब बनाने की तैयारी है। सरकार इस कदम से रूपे कार्ड की मैन्युफैक्चरिंग का मानकीकरण करना चाहती है। इसके लिए नेशनल पेंमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने टेंडर जारी कर दिया है। नई व्यवस्था में रूपे कार्ड की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा प्रमाणित टेस्ट लैबोरेटरी से सर्टिफिकेट लेना होगा। अभी तक जनधन...
More »संविधान की प्रस्तावना से हटाए ‘सेकुलर, सोशलिस्ट’ शब्द!
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर प्रकाशित एक सरकारी विज्ञापन को लेकर विवाद छिड़ गया है। विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना दी गई है, लेकिन उसमें देश के नाम के साथ ‘सोशलिस्ट' यानी समाजवादी और ‘सेकुलर' यानी पंथनिरपेक्ष ये दो शब्द गायब हैं। हालांकि, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राजवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि विज्ञापन में प्रकाशित चित्र संविधान की प्रस्तावना के मूल संस्करण से लिया गया था। समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष...
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